रायपुर: कोरोना वायरस का संक्रमण और लॉक डाउन ऐसी कहानियां सामने ला रहा है, जिसमें कुछ रुला रही हैं, कुछ रोंगटे खड़ी कर रही हैं, कुछ सोचने पर मजबूर और कुछ सिस्टम पर सवाल. हम आपको प्रदेश के सबसे बड़े हॉस्पिटल मेकाहारा के कुछ मरीजों और उनके परिजनों की परेशानियां बता रहे हैं.
मेकाहारा को भी कोरोना अस्प्ताल के रूप में डेवलप किया जा रहा है. ईटीवी भारत की टीम जब यहां पहुंची तो अस्पताल के सामने पेड़ के नीचे करीब 15 परिवार मिले. इनमें मरीज और उनके परिजन शामिल हैं. बच्चे से लेकर बजुर्ग तक यहां बैठे मिले. मरीजों का कहना है कि रात को उन्हें सोने की जगह तो मिल जाती है लेकिन दिन भर यहीं आम के पेड़ के नीचे ही बैठे रहते हैं.
'दिन में पानी तक लेने की इजाजत नहीं'
बिलासपुर से आई बुजुर्ग महिला का कहना है कि उसकी सिकाई चल रही है. जिसती देर सिकाई चलती रहती है, उतनी देर उसे अंदर रहने दिया जाता है. इसके बाद बाहर भेज दिया जाता है. महिला ने बताया कि रात को सोने की जगह मिलती है और दिन में तो पानी के लिए भी नहीं जाने दिया जाता.