रायपुर:आज अंतरराष्ट्रीय प्रेस स्वतंत्रता दिवस है. प्रेस की अजादी को लेकर और अधिकारों को लेकर 3 मई को इस दिवस को मनाया जाता है, लेकिन प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर दुनिया भर में कई तरह की बहस होती रही है. लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के तौर पर स्थापित प्रेस पर गाहे-बगाहे हमले होते रहे हैं. इसकी आजादी कई बार हुक्मरानों को नहीं अच्छी लगती. आए दिन प्रेसकर्मियों पर हमले की खबरें आम होती चली जा रही है. इन सबके बीच हमने जानने की कोशिश की किआखिर प्रेस की स्वतंत्रता के क्या मायने हैं, यह कितनी जरूरी है. इस संबंध में ETV भारत ने छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार रमेश नैयर खास बातचीत की.
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इस दौरान वरिष्ठ पत्रकार रमेश नैयर ने कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता को दो तरफा खतरा है. तमाम राजनीतिक पार्टियां, संगठन, धार्मिक सांप्रदायिक और व्यवसायिक संगठन प्रेस की स्वतंत्रता पर दबाव बनाने की कोशिश करते हैं. पत्रकारों को दबाव में रखने के लिए तमाम तरह के हथकंडे अपनाते हैं, पत्रकारों को धमकियां देते हैं. इसके लिए सरकार को पत्रकारों की सुरक्षा की चिंता करने की जरूरत है.
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