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रंग लाई ETV भारत की 'संकट में सरोवर' मुहिम, नए रूप में रायपुर को मिला बूढ़ा तालाब

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Published : Nov 1, 2020, 3:22 AM IST

Updated : Nov 9, 2020, 1:09 PM IST

छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के मौके पर राजधानी रायपुर के ऐतिहासिक तालाब की रंगत अलग नजर आएगी. इस तालाब को 1 नवंबर 2020 को नई पहचान मिलने जा रही है. बूढ़ा तालाब का सौंदर्यीकरण कैसे किया गया. इस बारे में रायपुर के महापौर से ETV भारत ने खास बात की है.

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रायपुर के महापौर से ETV भारत ने खास बात की

रायपुर: प्रदेश के ऐतिहासिक धरोहरों में से एक है रायपुर का बूढ़ा तालाब. यह राजधानी के पर्यटन स्थल के रूप में भी जाना जाता है. करीब नगर निगम की 6 महीने की अथक मेहनत और कार्य की बदौलत बूढ़ा तालाब नए रूप में दिखेगा. महापौर ने बताया कि उन्होंने रायपुर की जनता से इस तालाब को लेकर जो वादा किया था, वह पूरा होने जा रहा है. बूढ़ा तालाब के फर्स्ट फेस के सौंदर्यीकरण का कार्य खत्म हो चुका है जिसके बाद अब सीएम आज इसका लोकार्पण करेंगे और जनता को सौगात देंगे.

रायपुर के महापौर से ETV भारत ने खास बात की

इस दौरान महापौर एजाज ढेबर ने ETV भारत की मुहिम संकट में सरोवर की तारीफ की. उन्होंने कहा कि मुझे उस कार्यक्रम को देखकर बूढ़ा तालाब की बदहाली दूर करने की प्रेरणा मिली. जिसके बाद उन्होंने इस कार्य योजना पर काम करना शुरू किया. इस तरह ETV भारत की मुहिम रंग लाई.

600 साल पुराना है बूढ़ा तालाब का इतिहास

ऐतिहासिक विवेकानंद सरोवर-बूढ़ा तालाब की अपनी अलग पहचान है. समय के साथ इस तालाब की सुध नहीं लिए जाने से इसके अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा था, पानी के प्रदूषित होने और गंदगी का भी खतरा बना हुआ था. शहर के भीतर लगभग 87 एकड़ क्षेत्रफल में फैले बूढ़ा तालाब को मुख्यमंत्री बघेल ने कायाकल्प कर एक नई पहचान दी है. राजधानी की पहचान बूढ़ा तालाब को लगभग 600 साल पूर्व सन 1402 में कलचुरी राजवंश के राजा ब्रम्हदेव ने बनवाया गया था. राजाराय सिंह ने इसका विस्तार किया और फिर अपने इष्टदेव के नाम पर इसका नाम बूढ़ा तालाब रखा. बूढ़ा तालाब-विवेकानंद सरोवर से स्वामी विवेकानंद जी की भी बचपन की यादें जुड़ी हैं. इस ऐतिहासिक विरासत को 6 महीने के भीतर संवारा गया. इस दौरान कोरोना काल में लॉकडाउन की बाधा भी आई. बावजूद इसके इसके सौंदर्यीकरण के कार्य पर कोई असर नहीं पड़ा.

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तालाब से निकाला गया 1700 ट्रक कचरा

महापौर ने बताया तालाब को संवारने में एक बड़ी समस्या तालाब के चारों तरफ फैली गंदगी भी. तालाब में अतिक्रमण से पनपी गंदगी, कचरा, जलकुंभियों और गाद को साफ सफाई कर बाहर निकाला गया. करीब 1700 ट्रक कचरा निकाला गया जिसके बाद तालाब की खूबसूरती वापस लौट पाई है.

बूढ़ा तालाब के सौंदर्यीकरण से पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

बूढ़ा तालाब-स्वामी विवेकानंद सरोवर के उन्नयन कार्य को पूर्ण करने से पहले इसे न सिर्फ संवारने की दिशा में कार्य किया गया. तालाब के पानी को स्वच्छ बनाने और भीतर के अलावा बाहर के परिसर को भी आकर्षक और खूबसूरत बनाने का पूरा प्रयास किया गया है. यहां दुर्गा देवी मंदिर एवं सुलभ से चांदनी चौक तक के क्षेत्र में लैंड स्केपिंग, प्लेसमेकिंग एवं रीक्रिएशनल जोन तैयार किया गया है. जिसमें हर वर्ग के नागरिकों के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं. विश्व का दूसरा बड़ा फाउंटेन बूढ़ा तालाब-विवेकानंद सरोवर की खूबसूरती में चार-चांद लगा रहा है. इस तरह अब यह तालाब पर्यटन स्थल के रूप में तेजी से विकसित होगा. आकर्षक प्रवेश द्वार, दो स्तरीय पाथवे, म्यूजिकल फाउंटेन, टबल फाउंटेन, आकर्षक लैंड स्केपिंग और जगमगाती रोशनी में इस तालाब की रंगत और निखरेगी.

बूढ़ा तालाब परिसर में मनोरंजन की सुविधाएं की गई विकसित

बूढ़ा तालाब परिसर में मनोरंजन की सुविधाओं का भी ख्याल रखा गया है. बच्चों के लिए बनाए गए चिल्ड्रन पार्क में उनकी जरूरतों का विशेष ध्यान रखा गया है. बच्चे यहां भरपूर मनोरंजन करेंगे. साथ ही शहर के नागरिकों के लिए ओपन जिम इक्यूपमेंट लगाए गए हैं. जिनसे उन्हें फिटनेस के लिए कसरत में मदद मिलेगी. बाहर से यहां आने वाले पर्यटकों को किसी प्रकार की ट्रैफिक की समस्या का सामना न करना पड़े इसलिए यहां बेहतर पार्किंग के साथ सड़क का चैड़ीकरण भी किया गया है. इस तरह की सुविधाओं से यहां पहुंचने वाले पर्यटकों को काफी मदद मिलेगी.

Last Updated : Nov 9, 2020, 1:09 PM IST

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