छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

ध्वस्त हो रही है खुद की सुरक्षा के लिए महिलाओं और बच्चों को आगे करने की नक्सलियों की रणनीति !

महिलाओं और बच्चों का आड़ लेकर सालों से फायदा उठा रहे नक्सलियों को पिछले कुछ समय से करारा झटका लगा है. फोर्स ने अपनी रणनीति में कुछ बदलाव लाया है.

By

Published : Dec 27, 2020, 8:11 PM IST

naxal strategy in bastar
नक्सली रणनीति

रायपुर:नक्सली अपने स्वार्थ के लिए बस्तर में महिलाओं और बच्चों का इस्तेमाल करने में भी गुरेज नहीं करते. मुठभेड़ में नक्सली अक्सर महिलाओं और बच्चों को पहला घेरा में खड़े कर देते हैं. इनकी आड़ लेकर जवानों को निशाना बनाते हैं. जबकि हमारे पुलिस और अर्ध सैनिक बल महिला और बच्चों को देखकर हथियार का इस्तेमाल करने से पहले सोचते हैं. इसका लाभ पिछले कई सालों से उठा रहे नक्सलियों को पिछले कुछ समय से करारा झटका लगा है. जब फोर्स ने अपनी रणनीति में कुछ बदलाव लाया है.

नक्सलियों की रणनीति !
नक्सल संगठन में महिलाओं की भूमिकानक्सली नेता महिलाओं का इस्तेमाल एनकाउंटर के वक्त एक सुरक्षा घेरा बनाने के लिए करते हैं. साथ ही संगठन में इनकी भूमिका नए सदस्यों की भर्ती कराने की भी है. नक्सल मामलों के जानकार शुभ्रांशु चौधरी बताते हैं कि नक्सलियों ने महिलाओं का इस्तोमाल गांव के लोगों से अपने रिलेशन डेवलप करने के लिए करती है. माना जाता है कि महिला आसानी से रिलेशन डेवलप कर लेती है. पुरुषों के लिए ये काम इतना आसान नहीं है. हालांकि नक्सलियों के इस रणनीति पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने अपनी रणनीति में बदलाव लाया है. इसका नतीजा भी सामने आने लगा है.

पढ़ें: VIDEO: नक्सलियों पर नकेल के लिए इस साल खुले बंपर पुलिस बेस कैंप


अमीरी-गरीबी के मुद्दे को हथियार बनाकर फैला रहे सम्राज्य
दरअसल नक्सलियों ने अमीरी-गरीबी के मुद्दे को हथियार बनाकर अपना जाल भारत के कई राज्यों में फैलाया है, लेकिन बस्तर में इनकी तस्वीर कुछ अलग थे. यहां आर्थिक रूप से इतना अंतर नहीं दिखाई पड़ता था. ऐसे में नक्सलियों ने बस्तर में महिला और पुरुष के बीच खाई को अपने हित साधने का जरिया बनाया. महिलाओं को समाज में उचित स्थान दिलाने का झांसा ही उनके स्वार्थपूर्ती का साधन बना हुआ है. नक्सलियों के सेंट्रल कमेटी ने पिछले सालों में 889 महिला नक्सलियों के मारे जाने की बात स्वीकारी थी. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि नक्सल समस्या का चेहरा कितना वीभत्स है.

सुरक्षा बलों को दी जा रही ट्रेनिंग
इधर, पुलिस अधिकारी भी मानते हैं कि लंबे समय से नक्सलियों की महिलाओं को सामने रखकर गोली चलाने की रणनीति के चलते नुकसान हुआ है, लेकिन अब सुरक्षा बलों को इसके लिए ट्रेंड कर दिया गया है. हालांकि पुलिस की कोशिश अभी भी रहती है कि बच्चों और महिलाओं पर गोली चलाने के बजाए उन्हें पकड़ा जाए.

पढ़ें: SPECIAL: नक्सल संगठन छोड़ कर आई महिलाओं की बदली जिंदगी, सुख से बीत रहा जीवन

पुलिस नक्सलियों का डटकर करेगी सामना

अपने स्वार्थ सिद्धी के लिए नक्सली मासूम बच्चों और महिलाओं की आड़ लेते आए हैं, लेकिन हाल के दिनों में न केवल बस्तर में बल्कि महाराष्ट्र के गढ़चिरौली और मध्यप्रदेश के बालाघाट में मुठभेड़ हुए. जवानों ने नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया, जिससे ये साफ हो गया है कि अब पुलिस लिंग भेद नहीं करेगी. देश और राज्य के खिलाफ हथियार उठने वाले हर किसी को निशाना बनाया जाएगा, फिर चाहे वो महिला हो या पुरुष.

ABOUT THE AUTHOR

...view details