रायपुर: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को सत्ता पर काबिज हुए लगभग 2 साल होने जा रहे हैं. खाद्य और संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत का कहना है कि ये 2 साल काफी चुनौतीपूर्ण रहे. भूपेश सरकार ने वादे के मुताबिक किसानों का पूरा ध्यान रखा है. अमरजीत भगत ने ये दावा भी किया कि भाजपा सरकार ने 15 साल में भी जिस काम को पूरा नहीं किया, उसे कांग्रेस सरकार ने महज 2 साल में ही कर दिखाया.
मंत्री अमरजीत भगत EXCLUSIVE पिछले 2 साल के कार्यकाल को कैसे देखते हैं ?
मंत्री अमरजीत भगत ने बताया कि छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य है, यहां लगभग 80% कृषि कार्य करने वाले लोग हैं, जिनका मुख्य धंधा खेती है. इस प्रदेश का मुखिया एक किसान है. सरकार बनने के बाद सबसे पहले किसानों का ख्याल रखा गया, किसानों की कर्ज माफी की गई, 25 सौ रुपये में धान खरीदी की गई, जिसमें समर्थन मूल्य की अतिरिक्त राशि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को भुगतान की गई. आज हम कह सकते हैं कि छत्तीसगढ़ देश के अन्य राज्यों की तुलना में काफी बेहतर स्थिति में है.
'कांग्रेस के 2 साल रहे काफी चुनौतीपूर्ण'
मंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार के यह 2 साल काफी चुनौतीपूर्ण रहे. इन 2 सालों में कई तरह के उतार-चढ़ाव देखने को मिले, सत्ता पर काबिज होते ही लोकसभा चुनाव आ गया, इसके बाद नगर निगम और नगर पंचायत चुनाव. इस बीच विधानसभा उपचुनाव भी संपन्न हुए, जिस कारण से आचार संहिता की वजह से बहुत से काम रूक गए थे. काम करने के लिए काफी कम समय मिला है, जैसे ही काम शुरू हुआ कोरोना आ गया. जिसकी वजह से भी प्रदेश के विकास कार्य काफी प्रभावित हुए. इन सभी चुनौतियों को पार करते हुए छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने बहुत अच्छा काम किया है, जो काम भाजपा सरकार ने 15 साल में पूरा नहीं किया उस काम को कांग्रेस सरकार ने महज 2 साल में ही पूरा कर दिखाया.
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'भाजपा सरकार में किसान कर रहे थे आत्महत्या'
अमरजीत भगत ने बताया कि पिछले 15 सालों में किसानों के लिए ऐसा कोई काम नहीं हुआ था. किसान कर्ज में डूबते जा रहे थे, कर्ज के बोझ तले दबे हुए थे, आत्महत्या की घटना लगातार बढ़ रही थी, लेकिन भूपेश बघेल की सरकार बनने के बाद इस पर ब्रेक लगा. कृषि के प्रति लोगों में नकारात्मक भावना बन गई थी, लेकिन छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार बनने के बाद किसानों को कृषि कार्य के लिए जो सहयोग किया गया उससे लोग कृषि की तरफ आकर्षित हो रहे हैं.
'आदिवासियों के हितों का भी रखा गया ध्यान'
मंत्री अमरजीत भगत ने बताया कि प्रदेश में आदिवासियों के हितों का ख्याल भी भूपेश सरकार ने रखा. बस्तर से लेकर सरगुजा तक, जहां आदिवासियों का जीवन जंगलों पर आधारित है, उनका गुजारा जंगल से होता है. पिछली सरकार में वनोपज खरीदी की संख्या 8 फीसदी कर दी थी. जिसे भूपेश सरकार ने बढ़ाते हुए 22 फीसदी किया. जो तेंदूपत्ता प्रति बोरा 2500 रुपये में खरीदा जाता था, उसे भूपेश सरकार ने 4 हजार मानक बोरा किया. इसी प्रकार चिरौंजी, महुआ, इमली सभी वनोपज की दर में बढ़ोतरी की गई.
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कृषि कानून में संशोधन के बाद पहली बार सरकार करेगी धान खरीदी
केंद्र सरकार के द्वारा तीन नए कृषि बिल लाए गए, राज्य सरकार ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर कृषि बिल में संशोधन किया है. संसोधन के बाद पहली बार भूपेश सरकार धान की खरीदी करने जा रही है. इसे लेकर मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि कृषि को लेकर कानून बनाने का अधिकार राज्य सरकार को है या फिर केंद्र सरकार राज्य सरकार से मशवरा लेकर कृषि बिल बना सकती है. लेकिन केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन नए कृषि बिल के लिए राज्य सरकार की सहमति नहीं ली गई. इसी बिल का दुष्परिणाम है कि हाल ही में जमाखोरी बढ़ी और प्याज के दाम कई गुना बढ़ गए. जिसके बाद केंद्र सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा.
'पड़ोसी राज्य से आने वाले धान पर कसेंगे नकेल'
धान खरीदी को लेकर अमरजीत भगत ने कहा कि इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है. लेकिन पड़ोसी राज्य से भी धान के आने की संभावना को देखते हुए बॉर्डर को सील किया जाएगा. यदि कोई भी दूसरे राज्य से प्रदेश में धान खपाने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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'हाथी की समस्या से निजात के लिए उठाये गए महत्वपूर्ण कदम'
हाथियों की समस्या पर अमरजीत भगत का कहना था कि उद्योग क्षेत्र बढ़ने और माइनिंग की वजह से सीमावर्ती राज्यों से हाथी छत्तीसगढ़ की ओर रूख कर रहे हैं. इसमें बड़े पैमाने पर कैजुअल्टी भी होती है. फसल का नुकसान और जन हानि होती है. इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने एलीफेंट कॉरिडोर बनाने के लिए प्रस्ताव भेजा था. वह भी केंद्र सरकार के पास लंबित है, उन्होंने बताया कि वर्तमान में हाथियों के लिए बनाए जाने वाले कॉरिडोर के क्षेत्र में लीज नहीं दिया जा रहा है और वहां पर उन्हीं लोगों को लीज दिया जाएगा जो उन क्षेत्रों में रहते है. साथ ही इन क्षेत्र में माइनिंग की भी अनुमति नहीं होगी. मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि आने वाले 3 सालों में 'बदलेगा छत्तीसगढ़, आगे बढ़ेगा छत्तीसगढ़' इसी उद्देश्य के साथ राज्य सरकार काम करेगी.