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मरवाही का महासमर: ऋचा जोगी मेरा विकल्प- अमित जोगी

अमित जोगी शुक्रवार को मरवाही उपचुनाव के लिए नामांकन फार्म जमा करेंगे. इससे पहले ईटीवी भारत से अमित जोगी ने ऋचा जोगी के नाम से भी नामांकन फार्म खरीदने और जाति विवाद समेत तमाम मसलों पर बात की है. देखिये दो नामांकन फार्म और मरवाही के महासमर पर क्या कहते हैं अमित जोगी.

interview with Amit Jogi
अमित जोगी EXCLUSIVE

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Published : Oct 15, 2020, 3:26 PM IST

Updated : Oct 15, 2020, 3:47 PM IST

रायपुर: मरवाही में चुनावी बिगुल बज चुका है. भाजपा, कांग्रेस समेत छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस इस चुनावी रण में ताल ठोक रहे हैं. ETV भारत से मरवाही उपचुनाव में जेसीसी(जे) के प्रत्याशी और प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी से खास बात करते हुए कई मुद्दों पर अपनी राय रखी है. अमित जोगी ने मरवाही उपचुनाव से जुड़े मुद्दों से लेकर पत्नी ऋचा जोगी के जाति विवाद के सवालों का बेबाकी से जवाब दिया है.

अमित जोगी EXCLUSIVE
  • सवाल: जाति मामले का विवाद आपके परिवार से कई दशकों से जुड़ा हुआ है. अब एक नया मामला आपकी पत्नी ऋचा जोगी की जाति का आया है?

जवाब: असली-नकली का फैसला हमेशा की तरह भूपेश बघेल की नकली अदालत में नहीं होगा. मरवाही की जनता की असली अदालत में ही हमेशा की तरह इसका फैसला होगा.

अनावश्यक रूप से विवाद पैदा किया जाता है, क्योंकि विरोधी दलों के पास मुद्दा नहीं होता है. जब भी असली-नकली का मुद्दा उन्होंने उठाया है, उनको मुंह की खानी पड़ी है. छतीसगढ़ के 20 साल की राजनीति के इतिहास में सर्वाधिक मतों से विजयी मेरे परिवार के ही लोगों को मरवाही की जनता का आशीर्वाद से मिलता रहा है. असली-नकली का मुद्दा उठाने वाले लोगों का जवाब भी है.

  • सवाल: हाल ही में आपने मरवाही का सघन दौरा किया है, किस तरह का माहौल है?

जवाब: जो लोग यह मानते थे कि अमित जोगी स्वर्गीय अजीत जोगी के निधन के बाद अनाथ हो गए हैं, अजीत जोगी का हाथ उनके सिर से उठ गया है, उनको यह मालूम हो गया है कि मरवाही के ढाई लाख लोगों का 5 लाख हाथ आशीर्वाद दे रहा है. यहीं मेरी ताकत है. इनके पास भले ही सरकार है, लेकिन मेरे पास परिवार है और परिवार का प्यार है.

  • सवाल: मरवाही में कौन सा चुनावी मुद्दा हावी है?

जवाब: मरवाही में हमेशा मुद्दा अजीत जोगी जी रहे हैं. मरवाही के विधायक अजीत जोगी थे, अजीत जोगी हैं और रहेंगे. शारीरिक रूप से वे नहीं हैं. जो लोग कहते हैं कि अजीत जोगी मर चुके हैं. उनको मरवाही में जाना चाहिए. हर एक दिल में झांकना चाहिए. आज भी अजीत जोगी जिंदा हैं, उनका राज लोगों के दिलो में है.

  • सवाल: अजीत जोगी के निधन के बाद लगातर आपके पार्टी के नेता कांग्रेस का दामन थाम रहे हैं, चुनाव पर कितना असर पड़ेगा?

जवाब: यह तो 3 नवंबर को मतदान के दिन पता चलेगा कि कितना असर पड़ा है. साम, दाम, दंड, भेद का उपयोग सरकार पहले भी करती थी, आज भी कर रही है. लोग किसी भी दल में रहें लेकिन दिल में वे मेरे ही हैं.

  • सवाल: कांग्रेस पूरी ताकत झोंक रही है, चुनाव पर कितना असर पड़ेगा?

जवाब: 2006 में कोटा से मेरी मां रेणु जोगी उपचुनाव लड़ीं थीं. तब भी कमोबेश यही स्थिति थी, लेकिन रेणु जोगी चुनाव जीतीं, वैसा ही परिणाम इस बार भी आएगा.

  • सवाल: कांग्रेस का आरोप है कि आपने 2013 का चुनाव नहीं लड़ा. आपने मरवाही की जनता का उपहास किया?

जवाब: मेरे पिताजी चुनाव लड़े थे. हमेशा की तरह सबसे ज्यादा वोट से जीते थे. ये तो बेतुकी बात है. मैं प्रदेशाध्यक्ष के रूप में पार्टी का काम देख रहा था. मेरे लिए ये चुनाव पुत्र धर्म का निर्वहन है. पिताजी के अधूरे सपनों को पूरा करना है.

  • सवाल: 2 डॉक्टर, एक वकील के बीच चुनाव पर आप क्या कहेंगे?

जवाब:मैं व्यक्तिगत रूप से सभी का सम्मान करता हूं. ये उनकी पार्टी का आंतरिक मामला है.

  • सवाल: ऋचा जोगी के नाम से और आप के नाम से भी नामांकन फॉर्म लिया गया है?

जवाब: हमारे पार्टी के प्रत्याशी का चयन पहले ही हो गया है. मैं ही चुनाव लड़ रहा हूं. हर पार्टी एक वैकल्पिक नामांकन रखती है. यह हर पार्टी की प्रक्रिया है.

Last Updated : Oct 15, 2020, 3:47 PM IST

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