रायपुर: छत्तीसगढ़ से पूर्व सांसद और सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक सोहन पोटाई ने ETV भारत से खास बातचीत करते हुए कई मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखी है. अपनी बेबाकी के लिए मशहूर सोहन पोटाई हमेशा से ही सुर्खियों में रहे हैं. अब उन्होंने फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर सरकारी नौकरियों में बने हुए अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है.
सोहन पोटाई ने कहा है कि जोगी परिवार के अमित जोगी और ऋचा जोगी का प्रमाण पत्र निरस्त होने पर सर्व आदिवासी समाज में खुशी है और इसके लिए वे धन्यवाद भी देते हैं. उन्होंने कहा कि देर आए दुरुस्त आए. जिस तरह से इस मामले में फैसला सुनाया गया है इसी तरह से सर्व आदिवासी समाज की मांगों पर भी सरकार विचार करे. 9 अगस्त 2019 को आदिवासी दिवस पर खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सर्व आदिवासी समाज को आश्वासन दिया था कि जितने भी लोग जो फर्जी आदिवासी प्रमाण पत्र लेकर नौकरी कर रहे हैं, ऐसे लोगों की जांच कर 1 महीने के अंदर उनको बर्खास्त करने की कार्रवाई की जाएगी. आज डेढ़ साल हो गए लेकिन ऐसे लोगों के खिलाफ कोई जांच नहीं की गई है.
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'हजारों लोग फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर कर रहे सरकारी नौकरी'
सोहन पोटाई के अनुसार केवल आदिवासी ही नहीं बल्कि ओबीसी वर्ग के लोग भी फर्जी रूप से प्रमाण पत्र लेकर नौकरी कर रहे हैं. हमारी लगातार मांग है कि ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जाए. लेकिन अब तक कुछ नहीं किया गया. जोगी जाति मामले में राजनीतिक दृष्टि से शीघ्रता के साथ कार्रवाई की गई है तो लगता है कि सरकार की सोच केवल राजनीतिक लाभ लेने की है. सरकार वाकई आदिवासी समाज का हित चाहती है तो हजारों लोग जो फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे हैं, चाहे वह एससी वर्ग के हों, एसटी वर्ग के हों या ओबीसी वर्ग के हो, उन पर तत्परता के साथ निर्णय लेकर कार्रवाई करें. यहां तक की सरकारी नौकरी ही नहीं बल्कि आज राजनीतिक लाभ भी लोग उठा रहे हैं.
वर्षों से निर्णय नहीं आना ये भी जांच का विषय