रायपुर:छत्तीसगढ़ में 23 नई तहसीलें बनने के बाद कुल तहसीलों की संख्या बढ़कर 172 हो गई है. नई तहसीलों के गठन के बाद प्रशासनिक बदलाव को समझने के लिए ETV भारत ने वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी डॉक्टर सुशील त्रिवेदी से खास बात की. उन्होंने बताया कि जिस तरह राज्य के लिए जिला जरूरी है, उसी तरह जिले के लिए तहसीलें अहम हैं.
डॉक्टर सुशील त्रिवेदी ने कहा कि तहसील, जिले की एक इकाई होती है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में लगातार विकास के काम हो रहे हैं. तहसील में राजस्व संबंधी कार्य मुख्य रूप से होते हैं. त्रिवेदी ने कहा कि कल्याणकारी कार्यों के लिए आधार तहसील होती है. डॉक्टर त्रिवेदी ने कहा कि गांववालों के काम पूरे हों इसलिए नई तहसीलों का बनना जरूरी है.
'नई तहसीलों का बनना जरूरी था'
डॉक्टर त्रिवेदी का कहना है कि पहले लोगों को काम करने के लिए जिला मुख्यालय आना पड़ता था, जिससे उनको परेशानी होती थी. लेकिन नई तहसील बनने से ग्रामीणों को सुविधाएं मिलेंगी. तहसील का बनना जरूरी था, जिससे लोगों का विकास हो सके. इससे भौगोलिक दूरी घटेगी और अब योजना के क्रिन्यान्वयन अच्छे से हो सकेगा. डॉक्टर त्रिवेदी ने कहा कि अगर बेहतर कल्याणकारी कार्य करना है, विकास करना है, प्रशासनिक काम अच्छे से हो सकें, इसके लिए नई तहसीलें जरूरी हैं. तहसीलें प्रशासनिक कार्यों को अच्छे तरीके से क्रियान्वयन हो ये काम करती है.
पढ़ें- छत्तीसगढ़ को मिली 23 नई तहसीलें, देखें आपके जिले में कौन सी है नई तहसील
नई तहसीलों के नाम-
रायपुर- खरोरा, गोबरा नवापारा
बिलासपुर, सकरी, रतनपुर और बेलगहना
धमतरी- भखारा
दुर्ग - बोरी, भिलाई-3