रायपुर:छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद बनी सुपरहिट छत्तीसगढ़ी फिल्म मोर छैया भुइयां से फिल्म जगत में एंट्री करने वाले अभिनेता अनुज शर्मा आज छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार हैं. इन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों में अभिनय किया है. छत्तीसगढ़ी फिल्म फेस्टिवल में इन्हें सर्वश्रेष्ठ नायक के पुरस्कार से भी नवाजा गया था. अनुज शर्मा पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुके हैं.
सवाल: वर्तमान में आप छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री के लिए सबसे बड़ी चुनौती क्या मानते हैं ?
जवाब: कोविड-19 ने समस्या खड़ी कर दी है. इंडस्ट्री के लिए सिनेमाघर बंद थे, खुले भी तो रिस्ट्रिक्शंस के साथ कई फिल्में बन चुकी हैं. अभी रिलीज के लिए इंतजार करना पड़ रहा है. कई फिल्मों की शूटिंग रुकी हुई है. अब बड़ी चुनौती तो यह है कि इंडस्ट्री को कम बैक कैसे किया जाए? चैलेंजिंग दौर है. निश्चित तौर पर इस दौर में इंडस्ट्री पर काफी बड़ा असर पड़ा है.
सवाल: क्या इंडस्ट्री को सरकार की ओर से इस बुरे दौर में अपेक्षित मदद या सहयोग मिला?
जवाब: सरकार द्वारा ड्राफ्ट की गई फिल्म नीति को जल्दी से जल्दी लागू किया जाना चाहिए. इसकी सख्त जरूरत छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को है. कोविड के दौरान सरकार की ओर से कलाकारों के लिए कोई मदद नहीं मिली. हमने कुछ लोगों के सहयोग से जरूरतमंदों को मदद करने की कोशिश की, लेकिन रिसोर्सेज हमारे पास बहुत कम थे. इसके लिए सरकार को जरूर पहल करनी थी. हालांकि अब वह दौर गुजरने लगा है. अब आगे क्या किया जा सकता है कलाकारों के लिए और फिल्म से जुड़े लोगों के लिए, सरकार को इस पर विचार करना चाहिए.
सवाल: आप ही बताएं आगे सरकार को क्या करना चाहिए? फिल्म जगत से जुड़े लोगों के लिए दूसरे राज्यों में स्थानीय फिल्म उद्योग को प्रमोट करने के लिए कई नियम बनाए गए हैं, जिनसे सिनेमाघरों में बाध्यता रहती है कि वह क्षेत्रीय फिल्मों को अनिवार्य रूप से अपने सिनेमाघर में प्रदर्शित करें. क्या इस तरह की पहल राज्य सरकार की ओर से होनी चाहिए?
जवाब: बिल्कुल होनी चाहिए. फिल्म नीति में यह बात मिसिंग है कि प्रदेश की फिल्मों को सिनेमाघर संचालक चलाने के लिए बाध्य हों, लेकिन इसे अनिवार्य रूप से नई फिल्म नीति में शामिल करना चाहिए. इस बात की जानकारी हमने संस्कृति मंत्री को भी दी है और उनसे मांग भी किया है. उन्होंने हमारी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया है. फर्स्ट ड्राफ्ट में संशोधन कर इसे शामिल कर लिया जाए तो ज्यादा उचित होगा. बाकी जो नीति फिल्म निर्माण को लेकर बनाई गई है काफी अच्छी है. अब इसका पालन कैसे होगा यह देखने वाली बात होगी.
सवाल: कई रंगकर्मी और कलाकारों ने संस्कृति विभाग के अधिकारियों के रवैये से नाराजगी जताई है. आपका अनुभव कैसा रहा है?
जवाब: मेरा भी अनुभव बहुत अच्छा नहीं रहा है. ऐसे में यही ठीक होता है कि अगर माहौल अनुकूल ना हो तो उस जगह को छोड़कर दूसरा रास्ता तलाशना चाहिए.
सवाल: आपको क्या लगता है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म कलाकारों के लिए कितना फायदेमंद है और कितना नुकसानदेह?
जवाब: सोशल मीडिया से कलाकारों को लाभ ही हुआ है. जिन कलाकारों को कभी मंच नहीं मिलता था. वे इस माध्यम से सामने आ रहे हैं और अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं. मंच के लिए कलाकार मोहताज रहते थे. अब उनके लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सशक्त मंच बन गया है.