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'अगर मैं बी डी शर्मा जैसा कलेक्टर होता तो सरकार को बताता कि संविधान क्या होता है'

खनन के विरोध में आदिवासियों का संघर्ष अभी जारी है. हालांकि राज्य सरकार ने इलाके में फिलहाल सभी योजना से संबंधित सभा काम को बंद करा दिया है. आदिवासी नेता अरविंद नेताम ने इस आदिवासियों के आंदोलन को लेकर सरकार को चेताया है.

आदिवासी नेता अरविंद नेताम

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Published : Jun 12, 2019, 6:17 PM IST

रायपुर: दंतेवाड़ा के बैलाडीला के नंदराज पर्वत पर अदानी समूह को खदान की लीज दिए जाने का मामला थम नहीं रहा है. खनन के विरोध में आदिवासियों का संघर्ष अभी जारी है. हालांकि राज्य सरकार ने इलाके में फिलहाल सभी योजना से संबंधित सभा काम को बंद करा दिया है. आदिवासी नेता अरविंद नेताम ने इस आदिवासियों के आंदोलन को लेकर सरकार को चेताया है.

टाटा को पता है आदिवासियों का कानून: नेताम

बावजूद इसके हजारों की संख्या में आदिवासी अभी भी बैलाडीला में डटे हैं. राज्य की कांग्रेस सरकार इस परियोजना के वर्तमान कार्यों पर रोक लगाने के आदेश के बाद केंद्र सरकार पर निशाना साध रही है. राज्य सरकार का कहना है कि ये सभी परियोजना केंद्र सरकार के अधीन हैं. वहीं आदिवासियों का कहना है कि जब तक केंद्र सरकार खदान की लीज रद्द नहीं कर देती, वे एनएमडीसी के बाहर धरना देते रहेंगे.

लड़ाई के मूड में हैं आदिवासी
केंद्र और राज्य के बीच चल रही बहस पर छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने भी केंद्र सरकार को चेताया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने कहा कि आदिवासियों के मामले में केंद्र सरकार को जल्द फैसला करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सराकर आदिवासियों के मुद्दों को गंभीरता से नहीं लेती है, तो उन्हें इसका दूरगामी परिणाम देखने को मिल सकता है. अरविंद नेताम ने केंद्र सरकार को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि यहां के आदिवासी इस बार लड़ने के मूड में हैं. उन्होंने राज्य सरकार को भी कहा कि राज्य सरकार को संविधान ने बहुत पावर दिया है. उन्होंने कहा कि अगर वे डॉक्टर वीडी शर्मा जैसे कलेक्टर होते तो आज सरकार को बता देते कि संविधान में आदिवासियों को क्या पावर दिया गया है.

टाटा को पता है आदिवासियों का कानून: नेताम
अरविंद नेताम ने कहा कि छत्तीसगढ़ में आदिवासी हितों को दरकिनार करना किसी सरकार के लिए सही नहीं होगा. उन्होंने कहा कि टाटा को समझ में आ गया था कि छत्तीसगढ़ का कानून ट्राइबल के हित में है. इसलिए टाटा ने यहां आपना कारखाना नहीं लगाया, क्योंकि टाटा को पता था कि इस जगह कारखाना लगाना मुश्किल है. नेताम में कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने मामले में फर्जी ग्राम पंचायत लगाने की जांच की बात कही है. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने पेड़ों की कटाई के साथ इलाके में सभी छोटे-बड़े काम को बंद करने के आदेश दिए हैं.

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