पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह बने विधानसभा स्पीकर, सर्वसम्मति से चुने गए अध्यक्ष
Ex CM Raman Singh elected speaker बीजेपी विधायक और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को सर्वसम्मति से छत्तीसगढ़ विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रमन सिंह को स्पीकर चुने जाने का प्रस्ताव रखा. जिसका डिप्टी सीएम अरुण साव ने समर्थन किया. विपक्ष के नेता चरणदास महंत ने भी रमन सिंह को स्पीकर चुने जाने का प्रस्ताव रखा, जिसका वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने समर्थन किया.रमन सिंह के पक्ष में बीजेपी सदस्यों की ओर से तीन और प्रस्ताव रखे गए. रमन सिंह ने रविवार को स्पीकर पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया था. Chhattisgarh assembly
रायपुर :छत्तीसगढ़ की षष्ठम विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह सर्व सम्मति से चुन लिए गए हैं. प्रोटेम स्पीकर रामविचार नेताम ने डॉ रमन सिंह का नाम अध्यक्ष पद के लिए नामित किया. जिसके बाद पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने सर्वसम्मति से डॉ रमन सिंह के नाम पर सहमति जताई. जिसके बाद विधायक दल के नेता विष्णुदेव साय और नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत ने डॉ रमन सिंह को अपने साथ ले जाकर अध्यक्ष की कुर्सी सौंपी.अध्यक्ष की कुर्सी संभालने के बाद डॉ रमन सिंह ने सदन का धन्यवाद दिया.इसके बाद पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने डॉ रमन सिंह को पदभार ग्रहण करने पर शुभकामनाएं दी.
डॉ चरणदास महंत ने याद दिलाए पुराने दिन :छ्त्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और मौजूदा नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत ने डॉ रमन सिंह को पदभार ग्रहण करने के बाद शुभकामनाएं दी.इस दौरान चरणदास महंत ने कहा कि उन्हें डॉ रमन सिंह के साथ राजनीति का लंबा अनुभव है. जब दोनों सांसद थे तब सदन में एक साथ हुआ करते थे.लेकिन जब प्रदेश के अध्यक्ष बने तो थोड़ी दरार आई.इसके बाद जब रमन सिंह प्रदेश के मुखिया बने तो ये दरार और भी बढ़ गई.लेकिन अब दोनों की ही भूमिका बदल चुकी है.ऐसे में उन्हें और उनके दल को पूरा भरोसा है कि वो आने वाले दिनों में सदन की गरिमा को बनाएं रखेंगे.
''आज आप जहां पर बैठें हैं वो मेरा अतीत है, आज मैं यहां हूं ये मेरा वर्तमान है.वर्तमान का हमेशा अतीत के प्रति आदर और सद्भाव रहेगा, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं मेरे साथी हमेशा आपके साथ खड़े रहेंगे.इधर-उधर की बातें आपसे निष्पक्षता से हो ऐसा हम चाहते हैं. हमने अपने कार्यकाल के दौरान आधे से ज्यादा समय इधर को दिया. इसलिए आपसे अपेक्षा रखते हैं कि इस बात का ध्यान रखेंगे.''डॉ चरणदास महंत, नेता प्रतिपक्ष
भूपेश बघेल ने भी दिया धन्यवाद :छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि जब रिजल्ट आया तो मैं सोच रहा था कि मैं अकेला ही भूतपूर्व मुख्यमंत्री रहूंगा लेकिन आपने रहने नहीं दिया. भूपेश बघेल ने कहा कि लंबा अनुभव लोकसभा सदस्य, राज्यमंत्री और मुख्यमंत्री के रूप में रहा है. इस पवित्र सदन में कई नई परंपराओं का निर्वहन हुआ है. हम दोनों की भूमिकाएं बदल गई इसीलिए हिसाब किताब बराबर हो गया. आसंदी में डॉक्टर राजेंद्र शुक्ला,प्रेम प्रकाश पाण्डेय, धरमलाल कौशिक, गौरीशंकर अग्रवाल, डॉ चरणदास महंत सभी ने परम्पराओं का निर्वाह किया है. सभी को बधाई देता हूं. पूरे परिवार का अभिनंदन और आपके दीर्घायु की कामना करता हूं.
छत्तीसगढ़ विधानसभा के माननीय अध्यक्षों की सूची
क्रमांक
नाम
विधानसभा कार्यकाल
पंचम
डॉ. चरणदास महंत
04.01.2019 से 17.12.2023
चतुर्थ
गौरीशंकर अग्रवाल
06.01.2014 से 03.01.2019
तृतीय
धरम लाल कौशिक
05.01.2009 से 06.01.2014
द्वितीय
प्रेमप्रकाश पाण्डेय
22.12.2003 से 05.01.2009
प्रथम
राजेंद्र प्रसाद शुक्ल
14.12.2000 से 19.12.2003
प्रोटेम स्पीकर
राजेंद्र प्रसाद शुक्ल
19-12-2003 से 22.12.2003 तक (निधन दिनांक 20 अगस्त 2006)
कौन हैं रमन सिंह ? :राजनांदगांव विधानसभा सीट से पूर्व सीएम रमन सिंह ने एकतरफा जीत दर्ज की है. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी गिरिश देवांगन को 45084 वोटों के बड़े अंतर से हराया है. रमन सिंह का जन्म 15 अक्टूबर 1952 को कबीरधाम जिले के रामपुर में हुआ. रमन सिंह के पिता का नाम विघ्नहरण सिंह ठाकुर और मां का नाम सुधा सिंह है. रमन सिंह की शादी वीणा सिंह से हुई है. इनके दो बच्चे हैं. बेटा का नाम अभिषेक सिंह है.जो पूर्व सांसद रह चुके हैं.
राजनीति का सफर :डॉरमन सिंह के पास बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जन यानी बीएएमएस की डिग्री है. इसीलिए लोग इन्हें डॉक्टर रमन सिंह भी कहते हैं. 1975 में आयुर्वेदिक मेडिसिन BAMS की डिग्री हासिल की और डॉक्टर के रूप में सेवा देना शुरु किया.1976-77 में इन्होंने अपनी सियासी सफर की शुरुआत की. साल 1983-84 में कवर्धा नगर पालिका में भाग्य आजमाया. शीतला वार्ड से पार्षद चुने गए. 1990 और 1993 में वो अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए विधायक का चुनाव जीते. फिर साल 1999 में लोकसभा का चुनाव लड़े और जीत कर संसद भवन पहुंचे. जिसके बाद अटल सरकार में रमन सिंह को केंद्रीय राज्यमंत्री बनाया गया. अटलजी की सरकार में 13 अक्टूबर 1999 से 29 जनवरी 2003 तक केंद्र में वाणिज्य उद्योग राज्य मंत्री रहे.
संघ के करीबी होने का मिला फायदा:साल 2000 में मध्यप्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य का जन्म हुआ. साल 2003 में पहला विधानसभा चुनाव हुआ. जिसमें बीजेपी ने जीत हासिल की. रमन सिंह आरएसएस के करीबी माने जाते हैं. लिहाजा बीजेपी ने रमन सिंह को छत्तीसगढ़ का सीएम बनाने का फैसला किया.
छत्तीसगढ़ के पहले निर्वाचित सीएम का कार्यकाल: डॉ रमन सिंह 1 दिसंबर 2003 को छत्तीसगढ़ के पहले निर्वाचित सीएम बने. जिसके बाद 2008 विधानसभा चुनाव में भी उनके नेतृत्व में बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में सरकार बनाई. साल 2013 में भी सीएम रमन सिंह राज्य के मुख्यमंत्री बने. करीब 15 साल तक डॉ रमन सिंह छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के पद पर काबिज रहे. इस दौरान रमन सिंह सीएम रहते हुए चाउर वाले बाबा के नाम से मशहूर हुए.