रायपुर:आज के दौर में लड़कियां लड़कों से कम नहीं है. हर क्षेत्र में लड़कियां लड़कों को मात दे रही है. 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है. ईटीवी भारत अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आपको छत्तीसगढ़ के उन महिला तैराकों के बारे में बताने जा रहा है, जिनके हौसले इतने बुलंद थे कि उन्होंन राज्य ही नहीं बल्कि देश भर में अपना नाम रौशन किया है.
जी हां हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में रहने वाले "सार्वा" फैमिली के 5 लड़कियों (These sisters learned to swim in pond became swimmers in Raipur) की. ये पांच बहनें हैं, जिनमें 2 बहनों की शादी हो चुकी है. बावजूद इसके अभी भी वह अलग-अलग खेलों में छत्तीसगढ़ को नेशनल लेवल पर रिप्रेजेंट करती हैं.इनके पिता सब्जी बेचते हैं. इनमें से तीन से ईटीवी भारत ने बातचीत की.
देश का नाम रौशन कर रही ये 5 बहनें
इन पांचों बहनों का नाम हेमलता सार्वा, ज्योति सार्वा, रेखा सार्वा, नेहा सार्वा, रितु सार्वा है, जिससे इनके घर की आर्थिक स्थिति बचपन से ही खराब है. इस वजह से पांच बेटियों को पालना इनके पिता के लिए मुश्किल रहा. जिसके बाद इनको अपने मामा का सहारा मिला. इनके मामा ही इनके पहले कोच रहे हैं. इनके मामा ने ही इनको तैराकी सिखाई है. इनके घर की आर्थिक स्थिति को संभालने में इनके मामा ने काफी मदद की है. आज यह लड़कियां अपने मामा के सिखाए हुए कदमों पर चलकर राज्य का नाम रोशन कर रहीं हैं. अगर हम एक-एक लड़कियों के बात करें तो...
- हेमलता सार्वा: हेमलता ने कराटे, फुटबॉल, स्विमिंग में 12 नेशनल खेला है. और पंकज विक्रम अवॉर्ड भी इन्हें मिला है.
- ज्योति सार्वा: ज्योति ने स्विमिंग में दो बार स्टेट लेवल खेला है.
- रेखा सार्वा: रेखा ने कराटे और स्विमिंग में 1 नेशनल और 3 स्टेट खेला है.
- नेहा सार्वा: नेहा ने 35th नेशनल गेम्स 5थ रैंक हासिल किया था. इसके साथ ही नेहा एक्वाथलॉन, ट्रायथलॉन, स्विमिंग, खेलो इंडिया जैसे 23 नेशनल टूर्नामेंट भी खेल चुकी हैं.
- ऋतु सार्वा: एक्वाथलॉन, ट्रायथलॉन में 3 नेशनल गेम्स खेला हैं.
बचपन से तालाब में करती रही हूं तैरने की प्रैक्टिस:नेहा