रायपुर : दुनियाभर में वर्ल्ड माउंटेन डे मनाया जा रहा है. छत्तीसगढ़ में भी पर्वतारोहण की तरफ युवाओं का झुकाव लगातार बढ़ रहा है. प्रदेश के कई पर्वतारोहियों ने माउंड एवरेस्ट से लेकर दूसरे देशों की ऊंची चोटियों को फतह कर नाम रोशन किया है. ETV भारत से बातचीत में पर्वतारोहियों ने अपने एक्सपीरियंस शेयर किए. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में भी एडवेंटर स्पोर्ट्स की बहुत संभावनाएं हैं.
वर्ल्ड माउंटेन डे: उपेक्षा से नाराज छत्तीसगढ़ के पर्वतारोही, कहा- ध्यान नहीं देती सरकार
वर्ल्ड माउंटेन डे पर ETV भारत ने छत्तीसगढ़ के पर्वतारोहियों से खास बातचीत की. उन्होंने अपने अनुभव शेयर करने के साथ-साथ छत्तीसगढ़ में टूरिज्म और एडवेंचर स्पोर्ट्स की संभावना को लेकर भी अपनी बात रखी. पर्वतारोही सरकार की उपेक्षा से नाराज भी नजर आए.
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छत्तीसगढ़ को मिलेगी एक नई पहचान
जांजगीर चांपा की पर्वतारोही अमिता श्रीवास ने बताया कि स्कूल के समय में उन्होंने मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग ली. उन्हें शुरू से ही कुछ अलग करने की चाहत थी. कुछ करने की चाहत ने उन्हें स्वतंत्र पर्वतारोही बनाया. उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में एडवेंचर स्पोर्ट्स को लेकर बहुत से संभावनाएं हैं. आज के समय युवाओं की पहली पसंद एडवेंचर स्पोर्ट्स है. अगर इस तरफ ध्यान दिया जाए तो एडवेंचर स्पोर्ट्स में छत्तीसगढ़ नई पहचान बनाएगा.
सरकार की उपेक्षा से नाराजगी
कोरबा की रहने वाले अंतरराष्ट्रीय पर्वतारोही हेमंत गढेश्वर ने बताया कि छत्तीसगढ़ से बहुत से पर्वतारोही निकल रहे हैं. प्रदेश का और देश का नाम रोशन कर रहे हैं. लेकिन शासन-प्रशासन और सरकार की ओर से उन्हें मदद नहीं मिल रही. उनका कहना है कि वे अपने परिवार से दूर रहकर अपनी जान जोखिम में डालकर माउंटेन फतेह कर रहे हैं. सभी पर्वतारोही एक ही सपना लेकर आगे बढ़ते हैं कि वे ऊंची चोटी पर भारत का तिरंगा लहराएंगे. ऐसा करने पर उन्हें सम्मान तो मिलता है लेकिन किसी तरह की मदद नहीं मिल पाती. उन्होंने शिकायत करते हुए कहा कि अन्य राज्यों में पर्वतारोहियों को आगे बढ़ाते हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ में ये संभव नहीं हो पाता है. हेमंत ने प्रदेश सरकार से पर्वतारोहियों के जीवन स्तर पर ध्यान देने को कहा, ताकि उनके जीवन स्तर में सुधार हो सके.