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रायपुर के श्मशान घाटों की स्थिति पर ETV भारत की पड़ताल - Facilities in Raipur Shamsham Ghat

राजधानी रायपुर के श्मशान घाट पर इन दिनों सुबह से रात तक शव जलते हैं. कोरोना की वजह से मौत के आंकड़े बढ़ गए हैं. इस बीच अन्य बीमारियों से मरने वालों का भी अंतिम संस्कार मुक्तिधाम में किया जाता है. इन जगहों पर परिजनों को आवश्यक तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं या नहीं, ETV भारत ने इस पर विशेष पड़ताल की है.

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रायपुर का श्मशान घाट

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Published : Apr 30, 2021, 2:22 PM IST

Updated : Apr 30, 2021, 5:14 PM IST

रायपुर :कोरोना संक्रमण के बढ़ने के साथ ही मौत के आंकड़े भी बढ़ने लगे हैं. राजधानी रायपुर में हर दिन लगभग 30 से 40 लोगों की मौत हो रही है. सभी के शव अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट लेकर जाए जाते हैं. ETV भारत ने राजधानी के श्मशान घाट में मौजूद सभी सुविधाओं की पड़ताल की. कई जगहों पर शेड और स्नानागार जैसी समस्या सामने आई. कई श्मशान घाट ऐसे भी हैं, जहां हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध हैं. कमियों को लेकर नगर निगम आयुक्त का कहना है कि जिस भी जगह पर सुविधाओं की कमी है, उसे जल्द दूर किया जाएगा.

रायपुर के श्मशान घाट की स्थिति

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ईटीवी भारत ने राजधानी के महादेव घाट, मारवाड़ी श्मशान घाट और देवेंद्र नगर के मुक्तिधाम में मूलभूत सुविधाओं को लेकर पड़ताल की. कुछ जगहों पर टिन शेड की कमी है, तो कहीं पर लोगों ने स्नानागार की जरूरत महसूस की है. वहीं कई श्मशान घाट में अच्छी सुविधाएं हैं. यहां लोगों के बैठने के लिए पर्याप्त जगह बनाई गई है, गार्डन भी मौजूद है. अंतिम संस्कार करने आए लोग छाया में बैठककर शोक सभा आयोजित करते हैं. अंतिम संस्कार के बाद अस्थियों को रखने के लिए श्मशान घाट में लॉकर की व्यवस्था की गई है. कुछ जगहों पर अलमारी बनाए गए हैं. अंतिम संस्कार के बाद मृतक के परिजन वहां अस्थि रखते हैं और 3 बाद लेकर जाते हैं.

कोरोना की वजह से अलग जगह निश्चित

श्मशान घाट पर कोरोना बॉडी और नार्मल बॉडी का अंतिम संस्कार करने के लिए अलग-अलग जगह निश्चित की गई है. श्मशान घाट पर कोरोना गाइडलाइन के तहत अंतिम संस्कार किया जाता है. अपनी पत्नी का अंतिम संस्कार करने आए एक शख्स ने बताया कि उन्हें श्मशान घाट पर किसी तरह की कोई समस्या नहीं हुई. सुविधा बेहतर है, उन्हें कोई तैयारी नहीं करनी पड़ी थी. सभी चीजें वहां पहले से ही मौजूद थीं.

स्वयंसेवी संस्था भी कर ही मदद

कोरोना संक्रमण के दौरान स्वयंसेवी संस्थाएं लोगों की मदद के लिए सामने आ रही हैं. राजधानी में कई वर्षों से बढ़ते कदम संस्था काम कर रही है. ये संस्था मौत के बाद शव को श्मशान घाट ले जाने के लिए वाहन प्रदान करती है. कोरोना के दौरान मुक्तिधाम ले जाने के लिए संस्था के पास 10 गाड़ियां मौजूद हैं. 5 एंबुलेंस सामान्य मौत होने पर शव मुक्तिधाम लेकर जाती है. वहीं 5 स्वर्ग रथ कोरोना बॉडी को मुक्तिधाम लेकर जाती है. ये संस्था नॉन कोविड के लिए 100 और कोविड बॉडी के लिए 1500 रुपये शुल्क लेती है. मौजूदा हालात में ज्यादातर कोविड डेड बॉडी के लिए ही उनके पास फोन आते हैं.

श्मशान घाट पर सुविधाएं मौजूद

श्मशान घाट पर मूलभूत सुविधाओं को लेकर नगर निगम अपर आयुक्त पुलक भट्टाचार्य ने कहा कि कोविड- 19 के हालातों के बीच कई ऐसे श्मशान घाट हैं, जहां सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं. कई साल पहले पटवारी रिकॉर्ड में कई श्मशान घाट चिन्हित हैं, लेकिन बाद में रहवासी इलाका होने की वजह से वहां अंतिम संस्कार नहीं किए जा रहे हैं. ऐसी जगहों पर सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जा सकती हैं. कोविड के समय में ऐसे श्मशान घाटों को उपयोग किया जा रहा है. ऐसी जगहों पर तुरंत सभी सुविधाएं मुहैया नहीं कराई जा सकती है. फिर भी कई श्मशान घाटों पर बाउंड्री वॉल और दूसरी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं. इसके अलावा जो हमेशा उपयोग में आने वाले मुक्तिधाम हैं, वहां सभी सुविधाएं सुनिश्चित की गई हैं.

Last Updated : Apr 30, 2021, 5:14 PM IST

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