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EXCLUSIVE: 'चमन बहार में छोटे शहरों की महक है, छत्तीसगढ़ को महसूस करेंगे'

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Published : Jun 20, 2020, 5:30 PM IST

Updated : Jun 20, 2020, 7:04 PM IST

ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई फिल्म 'चमन बहार' के डायरेक्टर और लेखक अपूर्व धर बड़गैय्या से ETV भारत ने खास बातचीत की है. अपूर्व ने इस चर्चा में अपनी फिल्म के बारे में बताया.

Director Apurva Dhar Badgaiyann
अपूर्व धर बड़गैय्या

रायपुर: ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई फिल्म 'चमन बहार' को लोग बहुत पसंद कर रहे हैं. ये फिल्म छत्तीसगढ़ की पृष्ठिभूमि पर बनी है. मुंगेली जिले की लोरमी की प्रेम कहानी इस फिल्म में दिखाई गई है. ETV भारत ने फिल्म के डायरेक्टर और लेखक अपूर्व धर बड़गैय्या से खास बात की.

अपूर्व धर बड़गैय्या से खास बातचीत

अपूर्व धर बड़गैय्या की इस फिल्म में पान की दुकान सेंटर प्वॉइंट है. एकतरफा प्यार पर बनी ये फिल्म अंत में एक संदेश देकर जाती है. बड़गैय्या ने बताया कि पहले मूवी को थियेटर में रिलीज करने की तैयारी थी लेकिन लॉकडाउन की वजह से भी इसे डिजिटली रिलीज करना पड़ा. लेकिन लोग बहुत अच्छा रिस्पॉन्स कर रहे हैं.

छोटे शहर की कहानी 'चमन बहार'

अपूर्व छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं और उनकी पढ़ाई भी यहीं हुई. बाद में वे आगे की एजुकेशन के लिए पुणे चले गए. अपूर्व बताते हैं कि ये फिल्म बनाने का आइडिया उन्हें अपने एक दोस्त से मिलने के बाद आया. अपूर्व को उनके दोस्त ने एक कहानी सुनाई, जो बाद में 'चमन बहार' फिल्म का प्लॉट बन गई. वे कहते हैं कि 'चमन बहार' एक छोटे शहर के रहने वाले लड़के की कहानी है, जिसके छोटे सपने हैं. ऐसे लड़के की कहानी जो नौकरी छोड़कर पान की दुकान खोल लेता है. वे कहते हैं कि ये फिल्म देश के हर छोटे शहर की बात करती हैं.

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महसूस करेंगे छत्तीसगढ़ी कनेक्शन

इस फिल्म की शूटिंग रायपुर के आस-पास जैसे आरंग और मंदिरहसौद क्षेत्र में हुई. छत्तीसगढ़ी के कुछ ऐसे शब्द 'चमन बहार' में इस्तेमाल किए हैं, जिसे सुनते ही छत्तीगढ़िया फिल्म के साथ कनेक्शन महसूस कर लेगा. फिल्म में छॉलीवुड के फेमस कलाकारों ने काम किया है. अपूर्व कहते हैं कि जिस तरह की कहानी कहते की आजादी वे चाहते हैं, जीतू ने उनकी पसंद को पूरा किया. 30 से 32 दिन के अंदर शूटिंग पूरी कर ली गई है.

प्रकाश झा के साथ काम करने के सवाल पर अपूर्व कहते हैं कि बहुत सीखने को मिला, विनम्रता सीखने को मिली. अपूर्व कहते हैं कि नए बिना हिम्मत हारे, बिना अपने रूट्स छोड़े काम करें. सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु पर दुख जताते हुए अपूर्व कहते हैं कि खुद पर भरोसा बहुत जरूरी है. वे कहते हैं कि नेपोटिज्म से एक्सेस मिलना आसान होता है. लेकिन खुद पर विश्वास रखने से सफलता मिलती है.

Last Updated : Jun 20, 2020, 7:04 PM IST

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