रायपुर: छत्तीसगढ़ में मानसून की एंट्री के साथ कई तरह की बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है, जिससे कई जिले और शहर प्रभावित होते हैं. प्रदेश के हर हिस्से में बारिश के मौसम में कई तरह की बीमारियां देखने को मिलती है. डायरिया और मलेरिया के कारण हर साल छत्तीसगढ़ में कई मौतें होती हैं. लिहाजा स्वास्थ्य विभाग ने इस बार कई तरह की तैयारियां की हैं ताकि बारिश के मौसम में बीमारियों के कारण लोगों की जान ना जाए.स्वास्थ्य विभाग की माने तो मौसमी बीमारियों से बचने के लिए जिला प्रशासन समेत स्वास्थ्य विभाग की टीम को अलर्ट रखा गया है.
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर साधा निशाना : प्रदेश में मौसमी बीमारियों को लेकर पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने टीएस सिंहदेव पर निशाना साधा है. स्वास्थ्य विभाग में सुविधाओं का अभाव होने और मलेरिया का प्रकोप बढ़ने की बात कही है. वहीं दूसरी और डायरिया का उचित इलाज भी न होने का दावा किया है. हालांकि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने इसका जवाब भी दिया है.
मलेरिया से मुकाबला करने के लिए प्रदेश सरकार मच्छरदानी उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं. वहीं डायरिया के मरीजों के लिए पर्याप्त बेड और दवाइयां उपलब्ध नहीं है. दुर्ग संभाग के बालोद जिले में मलेरिया मुक्त बनाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. लेकिन 50000 मच्छरदानी के डिमांड अभी तक पूरी नहीं हो पाई है.इस जिले में 36 गांव अभी तक संवेदनशील है. वहां संक्रमण डर न्यूनतम 2 से 10% है. -कृष्णमूर्ति बांधी,पूर्व स्वास्थ्य मंत्री