रायपुर: छत्तीसगढ़ के बिजली उपभोक्ताओं को इस महीने से बिजली में 23 पैसे यूनिट महंगाई का झटका लग गया है. छत्तीसगढ़ राज्य पावर कंपनी ने उत्पादन लागत में इजाफा होने के कारण वीसीए (वेरिेएबल कास्ट एडजस्टमेंट) को 19 पैसों के स्थान पर 42 पैसे प्रति यूनिट कर दिया है. हर दो महीने में उत्पादन लागत का आकलन करके वीसीए तय किया जाता है. पावर कंपनी को एनटीपीसी से बिजली लेने में ज्यादा पैसे भी लग रहे हैं. एनटीपीसी की बिजली महंगी हो गई है. क्योंकि वृद्धि विदेशों से आयातित कोयले से बनी महंगी बिजली खरीदने के कारण की गई है. (chhattisgarh vca charge increased)
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एनटीपीसी कर रहा ज्यादा भुगतान:इस महीने कंपनी को करीब 160 करोड़ रुपए का ज्यादा भुगतानएनटीपीसी को करना पड़ रहा है. हर महीने कंपनी एनटीपीसी से 11 से 12 सौ मिलियन मिलियन यूनिट बिजली लेती है. बिजली उपभोक्ताओं को अपनी बिजली खपत में टैरिफ के हिसाब से जो पैसे देने होते हैं. उसके अलावा कुछ टैक्स और वीसीए (वेरिेएबल कास्ट एडजस्टमेंट) भी देना होता है.
एनटीपीसी की बिजली: महंगी पावर कंपनी को ज्यादातर बिजली एनटीपीसी से खरीदनी पड़ती है. हर महीने 11 से 12 सौ मिलियन यूनिट बिजली ली जाती है. इसका बिल आमतौर पर 400 से 450 करोड़ आता है. लेकिन इस बार अगस्त महीने का बिल 610 करोड़ आया है यानी एक सौ साठ करोड़ ज्यादा देने पड़ रहे हैं. आने वाले महीने में यह बिल 640 करोड़ तक जाएगा. एनटीपीसी की बिजली महंगी होने के पीछे का कारण विदेशी कोयला है. एनटीपीसी में 10 से 15 फीसदी विदेशी कोयले का उपयोग हो रही है. यह कोयला महंगा होने के कारण बिजली की उत्पादन लागत बढ़ गई है.