रायपुर: ऋचा जोगी का जाति प्रमाण पत्र निलंबित कर दिया गया है. जिला जाति सत्यापन समिति ने ऋचा जोगी के द्वारा अभी तक पेश किए गए दस्तावेज की समीक्षा के बाद जाति प्रमाणपत्र को निलंबित कर दिया है. ऋचा जोगी के भाई ऋषभ साधू ने समिति के सामने पेश होकर पक्ष रखा था. जिला जाति सत्यापन समिति ने पूरे प्रकरण को राज्य स्तरीय जाति छानबीन समिति को भेजा है.
अमित जोगी, प्रदेश अध्यक्ष,छत्तीसगढ़ इधर, अमित और ऋचा जोगी के अधिवक्ताओं ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखा है. जिसमें कहा गया है कि कोर्ट का फैसले आने तक निर्वाचन अधिकारी को राजनीतिक दबाव में आकर उनका जाति प्रमाण पत्र निरस्त नहीं करने के स्पष्ट निर्देश दिया जाए.
सरकार नहीं चाहती है जोगी परिवार चुनाव लड़े
अमित जोगी ने ऋचा जोगी के प्रमाण पत्र निलंबित होने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, राजनीतिक दबाव और दुर्भावना में केवल प्रमाण पत्र को निलंबित किया गया है, क्योंकि वे दिवंगत अजीत जोगी और रेणु जोगी की बहु हैं. सरकार किसी भी सूरत में जोगी परिवार को चुनाव लड़ने से रोकना चाहती है.
निर्वाचन अधिकारी के पास कोई दूसरा वैधानिक विकल्प नहीं
अमित जोगी ने कहा कि 24 सितंबर 2020 को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग अधिनियम 2013 में नियम विरुद्ध किए गए संशोधन के परिपालन में मुंगेली जिला जाति सत्यापन समिति को केवल ऋचा जोगी का जाति प्रमाण पत्र निलंबित करने का अधिकार है और जबतक उनका प्रमाण पत्र पूर्ण रूप से निरस्त नहीं किया जाता है, उनके नामांकन पत्र को स्वीकार करने के अलावा निर्वाचन अधिकारी के पास कोई दूसरा वैधानिक विकल्प नहीं है. अमित जोगी ने कहा कि इस संबंध में वे पहले से ही उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर चुके हैं और इसकी सूचना मुख्य निर्वाचन आयुक्त को भी दे चुके हैं.