चुनाव आयोग ने पांच राज्यों से हटाया आदर्श आचार संहिता - विधानसभा चुनाव
Election Commission lifts Model Code of Conduct भारत निर्वाचन आयोग ने तत्काल प्रभाव से पांच राज्यों से आदर्श आचार संहिता को हटा लिया है. इससे पहले पिछले 9 अक्टूबर को पांच राज्यों में विधानसभा के लिए चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता लागू किया था. अब चुनाव प्रक्रिया संपन्न हो जाने के बाद इसे हटा लिया गया है. Vidhansabha Chunav 2023
रायपुर: देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद चुनाव आयोग ने सोमवार को आदर्श आचार संहिता हटा दिया. पांच राज्यों राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं. इसके दो दिन बाद ही भारत निर्वाचन आयोग ने इन पांचो राज्यों में लागू आदर्श आचार संहिता को तत्काल प्रभाव से हटा लिया है.
पांच राज्यों से हटाया गया आदर्श आचार संहिता: आदर्श आचार संहिता के प्रावधान चुनाव आयोग द्वारा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की तारीख से लागू होते हैं. यह चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक लागू रहती है. अब छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम, राजस्थान और तेलंगाना की राज्य विधानसभाओं के आम चुनाव 2023 सम्पन्न हो गए हैं और नतीजे भी घोषित हो गए हैं. इसलिए आदर्श आचार संहिता को तत्काल प्रभाव से हटा लिया गया है. पिछले महीने पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए थे, जिसमें 160 मिलियन से अधिक लोगों ने अपनी नई सरकार चुनी है. यह आंकड़ा भारत के मतदाताओं का छठवां हिस्सा है, जो मतदान के लिए पंजीकृत थे.
पांच राज्यों के चुनावी नतीजे:देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव 2023 हो गए हैं. कांग्रेस ने तेलंगाना में जीत हासिल की है, जबकि भारतीय जनता पार्टी ने तीन राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में जीत हासिल की है. मिज़ोरम में ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट ने चुनाव जीता है.
नागालैंड में भी उप चुनाव हारी कांग्रेस: नागालैंड के एक सीट पर उपचुनाव में एनडीपीपी के प्रत्याशी को जीत मिली है. नागालैंड के 43-तापी (एसटी) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए उप चुनावों के परिणाम संबंधित रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा घोषित किए गए हैं. नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) के उम्मीदवार वांगपांग कोन्याक ने कांग्रेस नेता वांगलेम कोन्याक को हराकर नागालैंड में तापी उपचुनाव जीता है.
कांग्रेस के लिए मुश्किलें बढ़ीं: पांच राज्यों के चुनाव नतीजों में मिली हार से कांग्रेस की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है. खासकर राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हार ने कांग्रेस को हिंदी पट्टी के एक बड़े हिस्से में सत्ता से बाहर कर दिया है. जिसके चलते लोकसभा चुनाव 2024 का रास्ता कांग्रेस के लिए और भी मुश्किलों भरा होने वाला है.