रायपुर: शहर में शनिवार को ईद-उल-अज़हा (बकीरद) का त्योहार सादगी के साथ मनाया गया. राज्य सरकार की ओर से जारी निर्देश के मुताबिक ईदगाहों में नमाज अदा नहीं की गई. वहीं मस्जिदों में बहुत कम लोगों ने सोशल डिस्टेंसिग का ध्यान रखते हुए नमाज अदा की. बाकी लोगों ने घरों में रहकर ही नमाज अदा की.
रायपुर मदरसा के शहर ए काजी मोहम्द अली फारूकी ने बताया कि ईद-उल-अज़हा या बकरीद के नाम से यह त्योहार मनाया जाता है. इस दिन कुर्बानी देने की प्रथा है. इस्लाम धर्म की मान्यताओं के मुताबिक कहा जाता है कि पैगंबर हजरत इब्राहिम से ही कुर्बानी देने की प्रथा शुरू हुई थी. उन्होंने बताया कि अल्लाह ने एक बार हजरत इब्राहिम से कहा था कि वह अपने प्यार और विश्वास को साबित करने के लिए अपनी सबसे अच्छी और प्यारी चीज की कुर्बानी करें.