रायपुर: यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध से आज पूरे विश्व में चिंता है. इसका असर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से विश्व के सभी देशों पर देखने को मिलेगा. इस असर से भारत भी अछूता नहीं रहेगा और यदि इसका असर भारत पड़ता है तो स्वभाविक है कि छत्तीसगढ़ में भी इस युद्ध का असर देखने को मिलेगा. ऐसे में इस युद्ध की वजह से भारत सहित छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा. किस तरह से इस युद्ध को छत्तीसगढ़ के अर्थशास्त्री देखते हैं. या फिर सरकार इस युद्ध को लेकर क्या सोचती है. इस बारे में जानने की कोशिश की ईटीवी भारत ने की है.
सीएम बघेल ने यूक्रेन-रुस युद्ध पर चिंता जाहिर की
यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध का असर भारत सहित छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था पर भी देखने को मिलेगा. यह कहना है छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बघेल का. बिलासपुर रवाना होने के पहले रायपुर हेलीपैड पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, हमने देखा है कि इस युद्ध के शुरू होते ही शेयर मार्केट किस तरह से लुढ़क गया है. विश्व में कहीं भी यदि दो देशों के बीच युद्ध होता है तो उसका प्रभाव पूरे विश्व पर पड़ता है. स्वाभाविक है कि इसका प्रभाव भारत सहित छत्तीसगढ़ पर भी पड़ेगा. इस दौरान उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि युद्ध का परिणाम तो बाद में देखने को मिलेगा उसके पहले चुनाव का असर देखने को मिलेगा. सबसे पहले डीजल पेट्रोल और गैस के दामों में बढ़ोतरी होगी
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बघेल ने कहा कि यूक्रेन ऐसा देश है जहां पेट्रोलियम पदार्थ है. वहां से पाइपलाइन भी गई हुई है. यहां से कई देशों को कच्चे तेल की सप्लाई होती है. ऐसे में देखना होगा कि यह युद्ध कितने दिन चलेगा और उसके बाद उसका प्रभाव भी देखने को मिलेगा.
वहीं अर्थशास्त्री प्रोफेसर तपेश गुप्ता का कहना है कि यूक्रेन और रूस की लड़ाई का सिर्फ छत्तीसगढ़ी ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ेगा. अभी हम कोरोना से उबरने की कोशिश ही कर रहे थे. कोरोना की वजह से रोजगार और अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ा है. इससे हम उबर नहीं पाए थे. अब इस युद्ध का परिणाम भुगतने के लिए तैयार होना होगा.
इस युद्ध के तीन महत्वपूर्ण परिणाम देखने को मिल सकते हैं
डीजल पेट्रोल गैस के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी होने की संभावना है
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रूसी घटनाओं के बाद किस तरह की प्रतिक्रिया देखने को मिलती है. किस तरह के प्रतिबंध लगाए जाते हैं. उसका असर भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से देखने को मिलेगा. इस वजह से डॉलर सहित अन्य मुद्राओं और सोने की कीमतों पर भी प्रभाव देखने को मिलेगा।.
आम जनता के उपभोग के चीजों पर भी इस युद्ध का प्रभाव देखने को मिल सकता है. क्योंकि डीजल और पेट्रोल की आपूर्ति ना होने की वजह से या फिर कीमतें बढ़ने से इसका प्रभाव सीधे तौर पर बाजार पर पड़ेगा और इससे महंगाई बढ़ेगी.
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