रायपुर: लॉकडाउन की मार से कोई भी सेक्टर अछूता नहीं रहा है. कोरोना काल में अनलॉक 1.0 के बाद भी सबसे ज्यादा प्रभावित एजुकेशन सेक्टर है. इससे जुड़े तमाम लोगों का जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. एक ओर जहां बाजार में सारी चीजें अनलॉक हो गई है, वहीं स्कूल, कॉलेज, कोचिंग सेंटर अब भी बंद पड़े हैं. स्कूल कॉलेज नहीं खुलने से एक ओर जहां विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, वहीं स्कूल कॉलेज के संचालकों और कर्मचारियों पर आर्थिक दबाव बढ़ा है. इसके साथ ही लॉकडॉउन ने कोचिंग सेंटर भी बुरी तरह प्रभावित किया है.
कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी कर रहे छात्र देवेंद्र कुमार ने बताया कि घर में पढ़ाई तो रोजाना की जा रही है, लेकिन कोचिंग सेंटर के बंद होने से उनकी पढ़ाई पर प्रभाव पड़ा है, कोचिंग सेंटर में पढ़ाई करने से एक सरल गाइडेंस मिल पाता था, जो अब नहीं मिल पा रहा है. देवेंद्र कुमार का कहना है कि ऑनलाइन क्लासेज के जरिए भी पढ़ाई तो हो रही है, लेकिन किसी प्रकार का डाउट होता है, वह ऑनलाइन क्लासेज में क्लियर नहीं हो पाता है. क्लास में पढ़ाई का एक फिजिकल एनवायरमेंट रहता था, जो अब नहीं मिल पा रहा है.
नहीं कर पा रहे ग्रुप डिस्कशन
देवेंद्र कुमार ने बताया कि आपस में डिस्कशन करने से दोस्तों के बीच में एक अच्छा ब्रेनस्टॉर्मिंग हो जाती है, कोचिंग सेंटर के बंद होने की वजह से जो ग्रुप डिस्कशन हो पाता था वह भी नहीं हो रहा है, जिसकी वजह से पढ़ाई प्रभावित हो रही है.
हाई स्कूल विद्यार्थियों के लिए मैथ और फिजिक्स की आदर्श ट्यूटोरियल के संचालक गजेंद्र तिवारी ने ETV भारत से बातचीत में बताया कि वे लोग शुरू से ही आत्मनिर्भर थे. कोचिंग ही एक सहारा था, पिछले 4 महीनों से कोचिंग क्लासेज बंद है, इससे खर्च और लोन दोनों प्रभावित हो रहे हैं. उनका कहना है कि स्टूडेंटस की ऑनलाइन क्लासेस तो ली जा रही है, लेकिन इसका ज्यादा अच्छा असर देखने को नहीं मिल रहा है.
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वहीं बच्चों का कहना है कि ऑनलाइन क्लास के लिए ऑलरेडी इंटरनेट में मटेरियल अवेलेबल है. साथ ही ऑनलाइन क्लासेस लेने में बहुत दिक्कतें आती है. कभी नेटवर्क की समस्या रहती है तो कभी आवाज सही नहीं आ पाती है, जिसके कारण क्लास डिस्टर्ब होता है.