रायपुर: छत्तीसगढ़ में हुए कथित 2000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में गिरफ्तार चार आरोपियों की रिमांड बढ़ा दी गई. 19 मई तक अब वे ईडी की रिमांड पर रहेंगे. इस दौरान ईडी शराब घोटाले में पूछताछ करेगी. चारों आरोपियों मेयर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर, नितेश पुरोहित, त्रिलोक सिंह ढिल्लन उर्फ पप्पू ढिल्लन और आबकारी विभाग के विशेष सचिव अरुण पति त्रिपाठी को जज अजय सिंह राजपूत की विशेष अदालत में पेश किया गया जहां से उनकी रिमांड बढ़ा दी गई. आरोपियों को रिमांड पर लेने के बाद ईडी ने शराब घोटाला में प्रेस नोट जारी कर बड़ा खुलासा किया.
अरुण पति त्रिपाठी ने अनवर के साथ मिलकर किया घोटाला !:ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि अरुण पति त्रिपाठी ने अनवर ढेबर के साथ मिलकर आबकारी विभाग में भ्रष्टाचार करने के लिए छत्तीसगढ़ की पूरी शराब व्यवस्था को भ्रष्ट कर दिया. अपने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर पहले से बनी पॉलिसी में बदलाव किए और अनवर ढेबर के सहयोगियों को टेंडर दिया ताकि अधिक से अधिक लाभ लिया जा सके.
कैसे हुआ शराब घोटाला:छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के एक वरिष्ठ अधिकारी और आईटीएस अधिकारी होने के बावजूद एपी त्रिपाठी आबकारी विभाग में कामकाज के लोकाचार के खिलाफ गए और बेहिसाब कच्ची शराब बेचने के लिए राज्य में संचालित शराब दुकानों का इस्तेमाल किया. सरकारी शराब दुकानों में बिना हिसाब वाली कच्ची देसी शराब की बिक्री की गई. यह अवैध शराब सरकारी शराब दुकानों से ही बेची जा रही थी. इस मामले में 1 रुपए भी राजकोष में नहीं पहुंचा. बिक्री की सारी राशि सिंडिकेट द्वारा अपने जेब में डाली गई. शराब के प्रत्येक मामले में डिस्टिलर्स से रिश्वत वसूली गई. ताकि उन्हें कार्टेल बनाया जा सके और इसमें सभी में कमीशन की हिस्सेदारी रखी गई.