रायपुर:कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सभी तरह के कार्यों में बदलाव किया जा रहा है, इसी क्रम में छत्तीसगढ़ में 11 जुलाई को आयोजित होने वाले लोक अदालत के आयोजन में भी बदलाव किया गया है. 11 जुलाई को लोक अदालत का आयोजन वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किया जाएगा. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा के निर्देश पर ई-लोक अदालत का आयोजन करने के आदेश जारी किए गए हैं. इस लोक अदालत में पक्षकार और अधिवक्ता न्यायालय बिना आए ही अपने मामलों की आपसी राजीनामा के जरिए निराकरण करवा सकते हैं.
बता दें, कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए पिछले 2 नेशनल लोक अदालतों के आयोजन निरस्त किए जा चुके हैं. कोरोना संक्रमण की वजह से 5 महीनों से लोक अदालत का आयोजन नहीं हो सका है. इस कारण कई ऐसे मामले जिनमें राजीनामा होने की संभावना है, वो लंबित हैं. ऐसे में इन मामलों के निराकरण और पक्षकारों को त्वरित न्याय उपलब्ध कराने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, विशेष ई-लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है.
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव उमेश कुमार उपाध्याय ने बताया कि, रायपुर में जिला न्यायाधीश रामकुमार तिवारी के मार्गदर्शन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर में इस लोक अदालत के आयोजन की तैयारी कर रही है. आयोजन के दौरान कोर्ट में न्यायाधीश, स्टाफ उपस्थित रहेंगे. कोरोना वायरस के संक्रमण को ध्यान में रखते हुए इस ई-लोक अदालत के माध्यम से न्यायालय में लंबित सिविल वाद प्रकरण, मोटर दुर्घटना, दावा प्रकरण, चेक बाउंस से संबंधित मामले, पारिवारिक मामले और राजीनामा योग्य अपराधिक मामलों का राजीनामा के आधार पर निराकरण किया जाएगा.
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ऐसे होगी कार्रवाई
संबंधित मामलों के पक्षकारों और अधिवक्ताओं के मोबाइल नंबर उपलब्ध कराए जाएंगे. पक्षकारों और अधिवक्ताओं को लोक अदालत के पूर्व उनके मामले की सुनवाई करने वाले खंडपीठ की वीडियो लिंक उपलब्ध कराई जाएगी. जिसके माध्यम से पक्षकार घर बैठे 11 जुलाई की ई-लोक अदालत में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़कर अपने मामले को राजीनामा के माध्यम से निराकृत करा सकेंगे. किसी पक्षकार या अधिवक्ता की इस ई-लोक अदालत में व्यक्तिगत उपस्थिति प्रतिबंधित रहेगी. यदि किसी पक्षकार के पास वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से न्यायालय से जुड़ने के लिए साधन उपलब्ध न हो तो ऐसे पक्षकार व्हाट्सएप वीडियो कॉलिंग के माध्यम से भी न्यायालय से जुड़ सकेंगे. साथ ही अपने अधिवक्ता के कार्यालय से भी जुड़ सकते हैं.