रायपुर: अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG) जीपी सिंह के खिलाफ 2 जुलाई को दूसरे दिन भी ACB की छापेमार कार्रवाई जारी रही. IPS जीपी सिंह के घर सहित 10 ठिकानों पर ACB और EOW ने एक साथ दबिश दी थी. इधर उनके निवास पर लगे सीसीटीवी कैमरों की डीवीआर गायब है. जिसे हासिल करना एक बड़ी चुनौती है.
लगातार मिल रही थी शिकायत
जीपी सिंह के खिलाफ आर्थिक अपराध ब्यूरो के कार्यकाल के दौरान डरा-धमकाकर अवैध वसूली के जरिए आय से अधिक संपत्ति रखने की शिकायत मिल रही थी. जिसके आधार पर जांच शुरू की गई. अब तक 5 करोड़ से ज्यादा के अवैध लेनदेन का खुलासा हुआ है. IPS जीपी सिंह के घर सहित 10 ठिकानों पर ACB और EOW ने दबिश दी. प्राथमिक जांच में सामने आए प्रामाणित तथ्यों के आधार पर जीपी सिंह पर FIR दर्ज की गई है. रायपुर, भिलाई, राजनांदगांव और ओडिशा राज्य में बेनामी संपत्तियां अर्जित करने की पुष्टि हुई है.
IPS जीपी सिंह के करोड़ों के अवैध लेन-देन का खुलासा, FIR दर्ज
प्राथमिक जांच के दौरान इस बात के पुख्ता प्रमाण मिले हैं कि जीपी सिंह ने अलग-अलग जगहों पर करोड़ों की अनुपातहीन अवैध संपति अर्जित की है. उन्होंने कई बड़े लेन-देन किए हैं. शेल कंपनियों में निवेश करके मनी लॉन्ड्रिंग का प्रयास भी किया है. जीपी सिंह पर एंटी करप्शन ब्यूरो (Anti Corruption Bureau, ACB) और इकॉनॉमिक ऑफेंस विंग (Economic Offenses Wing, EoW) ने शिकंजा कसा है.
FIR दर्ज
1 जुलाई 2021 को सुबह IPS जीपी सिंह से संबंधित रायपुर, राजनांदगांव, ओडिशा के 10 से ज्यादा स्थानों पर ACB ने छापेमार कार्रवाई की. उनके खिलाफ आयकर विभाग भी बेनामी एक्ट के तहत अलग से कार्रवाई कर रही है. फिलहाल जांच जारी है.
1994 बैच के IPS हैं जीपी सिंह
गुरजिंदर पाल सिंह 1994 बैच के IPS हैं. प्रदेश के अलग-अलग जिलों में SP भी रह चुके हैं. इसके अलावा बिलासपुर, दुर्ग और रायपुर जिले के IGP भी रह चुके हैं. जीपी सिंह EOW और एंटी करप्शन ब्यूरो के मुखिया भी रह चुके हैं. सरकार ने उन्हें ACB से हटाकर पुलिस अकादमी में पदस्थ किया था.
अब तक की कार्रवाई की बड़ी बातें-
- आईपीएस जीपी सिंह के निवास पर लगे सीसीटीवी के डीवीआर गायब.
- 5 करोड़ से अधिक की संपत्ति का एसीबी ने किया खुलासा.
- जीपी सिंह के पास से जब्त दस्तावेजों की भी ACB कर रही पड़ताल.
- जीपी सिंह के द्वारा करोड़ों रुपए के लेनदेन और इन्वेस्टमेंट का खुलासा.
- गुरजिंदर पाल सिंह (ips gp singh), उनकी पत्नी और बेटे के नाम पर 75 से भी अधिक बीमा संबंधी दस्तावेज मिले हैं.
- इनमें प्रीमियम के रूप में लाखों रुपए का भुगतान किया जाना पता चला है.
- एक से अधिक एफयूएफ अकाउंट बनाए गए हैं, जिनके आय और व्यय की गणना जारी है.
- बैंकों और डाकघरों में कई खातों की जानकारी मिली है, जिसकी गणना भी की जा रही है.
- अब तक की जांच में 35 अवसरों पर शेयर और म्यूचुअल फंड में बड़ी राशि का निवेश किया गया है.
- अब तक की गणना में 1.5 करोड़ से अधिक रकम शेयर और म्यूचुअल फंड में निवेश किए जाने की मिली जानकारी.
- अब तक की जांच में पोस्ट ऑफिस में विभिन्न सावधि जमा के कई खाते पाए गए हैं.
- परिजनों के नाम पर हाईवा, जेसीबी, कंक्रीट मिक्सचर वाहन समेत लगभग 75 लाख के सामान को खरीदने की जानकारी मिली है.
- अब तक की जांच में जमीन, मकान और फ्लैट में राज्य और बाहर बड़ी मात्रा में निवेश की जानकारी मिली है, जिसका आकलन किया जा रहा है.
- अब तक की जांच में कई बहुराज्यीय कंपनियों से परिजनों के बैंक खातों में 1 करोड़ से अधिक की रकम जमा होने का पता चला है.
- अब तक की जांच में कुल 5 करोड़ से अधिक की चल-अचल सम्पत्तियों का पता लगाया गया है.
विवादों के भी 'बॉस' रहे हैं IPS जीपी सिंह, जो विभाग कभी लीड करते थे, उसी ने कार्रवाई की
IPS जीपी सिंह का नाता पहले भी विवादों से जुड़ा रहा है. जीपी सिंह साल 2019 में खुद एसीबी के चीफ थे. उन्हें भूपेश सरकार ने 1 साल पहले वहां से हटाकर पुलिस अकादमी भेज दिया था. इसके पहले वे रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग रेंज के आईजी भी रह चुके हैं.
विवादों और आरोपों से घिरे रहे हैं जीपी सिंह