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Dussehra Special: त्याग और संयम का गुण सिखाता है प्रभु श्रीराम का जीवन - श्रीराम के जीवन

भगवान श्री राम (Raam) में कई ऐसे गुण विद्यमान थे, जिसके कारण उनके चरित्र से लोग आज भी सीखते हैं. गुणों के खान होने के कारण ही भगवान राम ने रावण (Rawan) पर विजय प्राप्त की थी. दशमी के दिन राम ने रावण का वध कर लंका पर विजय प्राप्त किया था. इसलिए इस दिन दशहरा (Dussehra) पर्व मनाया जाता है.

Dussehra Special
प्रभु श्रीराम के जीवन से क्या सीखें

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Published : Oct 14, 2021, 7:56 PM IST

Updated : Oct 15, 2021, 7:12 AM IST

रायपुरःकई ऐसे गुण हैं जो राम (Raam)को महान बनाता है. दरअसल भगवान राम का रावण (Rawan)पर विजय पाना इतना आसान नहीं था. क्योंकि रावण कोई साधारण मनुष्य नहीं था. कुबेर का भाई और विश्रैवा का पुत्र होने के साथ ही रावण कई असाधारण गुणों से युक्त था. उसमें कई ऐसी शक्तियां थी, जिस पर विजय पाना एक साधारण मनुष्य के बस की बात ही नहीं थे.दशहरे (Dussehra ) के दिन राम ने रावण का वध किया था.

रावण पर राम ने प्राप्त की थी विजय

हालांकि भगवान श्री राम में सामाजिक समानता, सेना को प्रोत्साहित करना, शांति से लक्ष्य की ओर बढ़ना, त्याग और संयम के गुण थे. ऐसे कई गुणों के कारण राम को रावण पर विजय प्राप्त हुई थी.

दैविय शक्तियों के बावजूद साधारण जीवन

जैसा कि सभी जानते है कि भगवान राम को दैवीय शक्ति प्राप्ति थी. वो चाहते तो कुछ भी एक इशारे में कर सकते थे. हालांकि उन्होंने अपने पूरे जीवन में ऐसा कोई काम नहीं किया. हर काम उन्होंने एक साधारण मनुष्य के तरह ही किया. तमाम शक्तियां होने के बावजूद भगवान राम ने खुद उस रास्ते पर चलकर दिखाया जिसे लोग आदर्श मानते थे. उन्होंने जिस तरह से हर काम किया लोग उसकी मिसाल देते हैं.

वानरों को भी किया प्रोत्साहित

कहा जाता है कि उस समय समुद्र में पुल बनाना इंसानों के बस की बात ही नहीं थी. हजारों, लाखों की संख्या में भी लोग पुल बनाते तो उसमें सालों लग जाते. लेकिन भगवान राम ने अपनी वानर सेना को इस तरह से प्रोत्साहित किया कि उन्होंने बहुत ही कम समय में पुल बना दिया. ये उनके एक नये गुण को दर्शाता है.

शबरी के जूठे बैर खाये

चूंकि भगवान राम राज परिवार से थे. वे चाहते तो केवट या शबरी को बिना गले लगाए भी अपना वनवास गुजार सकते थे. लेकिन उन्होंने सामाजिक समानता के लिए शबरी के जूठे बैर खाये और केवट को गले लगाया. ऐसा करना भी उनके समाजिक एकता वाले गुण की ओर इशारा करता है.

कई चुनौतियों का किया सामना

भगवान श्री राम को 14 वर्ष वनवास में बीताने थे, जिसमें 12 वर्ष चित्रकूट में बीताने के बाद उनसे रावण ने बैर लिया. जिसके बाद रावण जैसे दिग्गज राजा से भगवान राम ने न सिर्फ युद्ध किया बल्कि युद्ध में परास्त कर उसका वध भी किया. रावण के वध के समय भी भगवान राम को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा हालांकि उन्होंने संयमतापूर्वण हर माहौल को संभाला और आखिरकार रावण पर उन्होंने विजय प्राप्त की.

Last Updated : Oct 15, 2021, 7:12 AM IST

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