रायपुर:भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत कुमार गौतम (National General Secretary Dushyant Kumar Gautam) छत्तीसगढ़ प्रवास पर हैं. बुधवार को वे भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि कार्यक्रम में शामिल हुए. इस मौके पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए राज्यसभा सदस्य दुष्यंत कुमार गौतम (Rajya Sabha member Dushyant Kumar Gautam) ने कहा कि महापुरुष के जीवन पर बात करना, उनके जयकारे लगाने के साथ उनकी जीवनी को आत्मसात करना जरूरी है. उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि जितनी संकल्प शक्ति भाजपा के अग्रपुरुषों में है, उसे अपनाएं, ताकि आने वाली पीढ़ी हमें भी उनकी तरह याद कर सके.
दुष्यंत कुमार का आरोप
दुष्यंत कुमार ने कहा कि आजादी के बाद साल 1950 तक आते-आते देश की स्थितियां बदलती गईं. नेहरू जी की हठधर्मिता से अनुच्छेद 370 लागू हुई, आधा कश्मीर चला गया. ऐसे समय में देशहित को सर्वोपरि मानते हुए श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने नेहरू मंत्रिमंडल (Nehru cabinet) से इस्तीफा देकर जनसंघ की आधारशिला रखी. जनसंघ के निर्माण का उद्देश्य देश की अखण्डता की रक्षा था. डॉ मुखर्जी ने कहा कि कश्मीर किसी के लिए मिट्टी का टुकड़ा हो सकता है, मेरे लिए भारत माता का मुकुट है. मैं देश के मुकुट पर लगा कलंक, जिसके तहत देश में दो विधान, दो निशान, दो प्रधान हैं, उसे खत्म कराकर रहूंगा. दुष्यंत कुमार ने बताया कि अपनी हत्या की आशंकाओं के बाद भी श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अनुच्छेद 370 (article 370) के विरोध में जम्मू में एक सभा की और अपना बलिदान दे दिया.
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दुष्यंत कुमार ने कहा कि जनसंघ के संस्थापक (Founder of Jana Sangh) श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान व्यर्थ नहीं गया. आज यही बात भाजपाईयों के खून में है. बीजेपी नेताओं के लिए परिजन, समाज, संबंधों का त्याग कर राष्ट्रहित सर्वोपरि है. उन्होंने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बोया हुआ छोटा सा बीज आज 11 करोड़ संख्या के साथ एक विशाल वटवृक्ष का रूप ले चुका है.
विकल्प की राजनीति का बीजारोपण श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने किया: रमन
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व सीएम रमन सिंह (Former CM Raman Singh) ने कहा कि आजादी के बाद एक विचारधारा के लोग राष्ट्र पर शासन कर रहे थे, तब विकल्प की राजनीति का बीजारोपण श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने किया. उन्होंने देश की संस्कृति मिट्टी से जुड़ी वैकल्पिक विचारधारा लिए जनसंघ की स्थापना की. एक अद्भुत व्यक्तित्व जिन्होंने 33 साल की उम्र में कुलपति के पद को कोलकाता जैसे शहर में सुशोभित किया. नेहरू मंत्रिमंडल में श्यामाप्रसाद मंत्री बने, देश में औद्योगिकरण विचारधारा श्यामा प्रसाद मुखर्जी की देन है. 1950 में नेहरू-लियाकत समझौते के बाद उन्होंने पंडित नेहरू पर तुष्टिकरण का आरोप लगाते हुए मंत्री पद से इस्तीफा दिया था. रमन सिंह ने कहा कि बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान के बाद न केवल कश्मीर बल्कि पंजाब और बंगाल का बहुत सारा हिस्सा दूसरे हाथों में जाने से बचा.
श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रेरणा से लेंगे सीख
भाजपा रायपुर जिला अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी ने कहा कि आज मोदी जी ने कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाया है. उसकी भूमिका 1951 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने तय कर दी थी. देश के लिए सर्वस्व न्योछावर करने की जो प्रेरणा उन्होंने दी, उसका अनुसरण आने वाले समय में भाजपा के अनेक नेताओं ने किया.