रायपुर: कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन से कई क्षेत्र प्रभावित हुए हैं. एजुकेशन सेक्टर डेढ़ साल बाद भी पटरी पर लौट नहीं पाया है. आर्थिक तंगी के चलते राजधानी के लगभग 34 प्राइवेट स्कूल (private school of raipur) बंद हो गए हैं. इन स्कूलों में फीस देने वाले छात्रों के परिजनों ने स्कूल बंद होने के बाद ट्रांसफर सर्टिफिकेट ले लिया और दूसरों स्कूलों में अपने बच्चों का एडमिशन करा लिया. लेकिन जो छात्र RTE यानी राइट टू एजुकेशन के तहत इन स्कूलों में पढ़ाई कर रहे थे. उनका भविष्य अधर में लटका हुआ है.
RTE के तहत अपने बच्चों को इंगलिश मीडियम (english medium) में पढ़ाने का सपना देखने वाले पैरेंट्स इन दिनों परेशान हैं. जिन स्कूलों में उन्होंने अपने बच्चों का एडमिशन कराया था, उनमें अब ताला लटका हुआ है. फोन करने के बाद भी स्कूल प्रबंधन जवाब नहीं दे रहा है. स्टूडेंट्स की ऑनलाइन क्लासेस भी नहीं चल रही हैं. अपने बच्चों का भविष्य इस तरह खराब होते देख पैरेंट्स शिक्षा विभाग के दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं लेकिन वहां से उन्हें मुकम्मल जवाब नहीं मिल रहा है.
स्कूलों में नहीं हो रही ऑनलाइन पढ़ाई
कचना के रहने वाले शत्रुघ्न साहू ने बताया कि उनका बेटा यश साहू पिछले सत्र 2020-21 में SGM स्कूल कचना में क्लास 4TH में पढ़ता था. लेकिन पूरे साल स्कूल ने किसी तरह की ऑनलाइन क्लास नहीं ली. हालांकि फोन करने पर स्कूल प्रबंधन ऑनलाइन क्लास शुरू करने की ही बात कर रहा है. साथ ही ये भी कह रहे हैं कि पसंद ना आने पर वे बच्चे की TC ले सकते हैं. ऐसे में शत्रुघ्न अब अपने बेटे का RTE के तहत एडमिशन करवाने भटक रहे हैं.
कचना के ही रहने वाले कौशल साहू बताते हैं कि उनका बेटा मयंक साहू तीसरी और उनकी बेटी चेतना साहू पांचवीं में SGM स्कूल में पढ़ती है. बेटे का RTE के तहत एडमिशन हुआ था. जबकि बेटी की पढ़ाई की वे फीस दे रहे हैं. लेकिन साल भर से स्कूल नहीं लगने और ऑनलाइन क्लास नहीं होने के कारण उनके बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है.
इंग्लिश मीडियम में पढ़ने वाले बच्चों का हिंदी मीडियम में हो रहा एडमिशन
स्कूल शिक्षा विभाग के ऑफिस पहुंचे कई पैरेंट्स ने ETV भारत से बात की. उन्होंने बताया कि वे पिछले कई दिनों से अधिकारियों से अपनी परेशानी बता रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि जो प्राइवेट स्कूल बंद हुए हैं, वहां पढ़ने वाले RTE के स्टूडेंट्स का एडमिशन सरकारी हिंदी मीडियम स्कूल में होगा. जिसे लेकर पैरेंट्स नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. उनका कहना है कि जो बच्चे इतने सालों तक इंग्लिश मीडियम में पढ़े हैं वे अब हिंदी मीडियम में कैसे पढ़ेंगे. पैरेंट्स से अपने बच्चों का एडमिशन इंग्लिश मीडियम में ही कराने की मांग की है.
स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में प्रवेश देने की अपील
इस पूरे मामले पर प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन (Private School Management Association) के अध्यक्ष राजीव गुप्ता का कहना है कि कोरोना में आर्थिक तंगी के चलते बहुत से निजी स्कूल बंद हो गए हैं. लेकिन अब समस्या ये आ रही है कि जो बच्चे RTE के तहत प्राइवेट स्कूल में पढ़ रहे हैं, उन्हें कहां प्रवेश दिया जाएगा. राजीव गुप्ता ने छत्तीसगढ़ सरकार से ऐसे इंग्लिश मीडियम स्कूल के बच्चों को स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में प्रवेश देने की अपील की है.
DEO में हर रोज स्कूल बंद होने के पहुंच रहे आवेदन