रायपुर:शादी का सीजन चल रहा है. शादी में अधिकतर रस्मों में मिट्टी के बर्तन की जरूरत पड़ती है. हालांकि शादी सीजन में रायपुर के बाजारों की कोरोना ने रौनक ही छीन ली है. कोरोना का असर कुम्हार परिवार पर भी पड़ा है. रोजी-रोटी भी पूरी तरह से मार खा गई है. मिट्टी के बने पात्र को शादी-ब्याह के लिए शुद्ध और पवित्र माना जाता है शादी में कलश, दीया और चुकिया का उपयोग किया जाता है. लेकिन कोरोना मिट्टी के बर्तन व्यापारियों के चेहरे से रौनक ही गायब कर दिया (Potter family disappointed in Raipur) है.
बाजार से रौनक गायब कुम्हार परिवारों में निराशा
राजधानी के कई चौक चौराहों और बाजारों में कुम्हार परिवार द्वारा मिट्टी से बनाए पात्रों का उपयोग शादी-ब्याह के सीजन में किया जाता है. मिट्टी से बने इन पात्रों को कुम्हार परिवारों के द्वारा अच्छी तरह से और सुंदर रंग-बिरंगे तरीके से सजाया जाता है. ताकि एक बार में ग्राहकों की नजर उस पर पड़ जाए. लेकिन मौजूदा समय में कोरोना के कारण इन दुकानों से रौनक गायब हो चुकी है. परिवार जैसे-तैसे चल सके इसलिए मिट्टी के बने पात्रों को सजाकर रखा गया है. हालांकि ग्राहकी न होने के कारण कुम्हार परिवारों में अपने व्यवसाय को लेकर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती है.
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