रायपुर :कोरोना खत्म होते ही लगातार बढ़ रही महंगाई लोगों की कमर तोड़ रही है. पिछले कुछ दिनों से लगातार पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ रहे हैं. अब 1 अप्रैल से दवा के दाम बढ़ने से भी लोगों की हालत डामाडोल (Drug prices will increase from April) होने वाली है. केंद्र सरकार ने शेड्यूल्ड दवा की कीमतों में बढ़ोतरी के लिए हरी झंडी दे दी है. इस वजह से 1 अप्रैल से 10 प्रतिशत से 12 प्रतिशत तक दवा के दाम बढ़ जाएंगे. पिछले दो सालों में कोरोना की वजह से पहले से ही कई दवाइयां काफी महंगी हो चुकी हैं. अब 1 अप्रैल से 800 से ज्यादा जरूरी दवा महंगी हो जाने के कारण लोगों पर आर्थिक बोझ और ज्यादा पड़ेगा.
1 अप्रैल से बढ़ जाएंगी दवा की कीमतें :1 अप्रैल से बुखार, संक्रमण, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और एनीमिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों के दाम बढ़ जाएंगे. इनमें पैरासिटामोल, फिनाइटोइन सोडियम, एजिंथ्रोमाइसिन, मेट्रोनिडाजोल, फेनोबबिटोन और सिप्रोप्लोक्सासिन हाइड्रोक्लोराइड जैसी जरूरी दवाइयां भी शामिल हैं.
800 जरूरी दवा के दामों में होगी वृद्धि :मेडिकल कंप्लेक्स के अध्यक्ष विनय कृपलानी ने बताया कि जो बहुत जरूरी दवा होती हैं, उसके नेशनल लिस्ट ऑफ इसेंशियल मेडिसिन में डाला जाता है. थोक महंगाई दर के अनुसार सरकार उनकी प्राइस कंट्रोल करती है. सरकार उनकी कीमतें जो तय करती है, वह 1 साल के लिए तय करती है. हर साल उसमें बढ़ोतरी की गुंजाइश रहती है. जितना होलसेल प्राइस इंडेक्स रहता है, पिछले साल के हिसाब से उस दवा की कीमतों में वृद्धि होती है. इस साल का होलसेल प्राइस इंडेक्स 10.7 प्रतिशत के आसपास का है. इस वजह से 800 दवा 10.7 प्रतिशत के हिसाब से महंगी हुई है.