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1 अप्रैल से बढ़ेंगे 800 दवा के दाम : लोग बोले-रोज बढ़ रही महंगाई, अब तो जान बचाना भी महंगा

Drug prices will increase from April : एक अप्रैल से आवश्यक दवा की कीमतों में 10 से 12 प्रतिशत तक की वृद्धि हो जाएगी. इसको लेकर आम लोगों ने चिंता जताई है. लोगों का कहना एक तो पेट्रोल-डीजल और गैस के दाम आएदिन बढ़ते ही जा रहे हैं. अब दवा के दाम बढ़ जाने से लोगों की जान बचाना भी महंगा हो जाएगा.

Drug prices will increase from April
1 अप्रैल से बढ़ेंगे 800 दवा के दाम

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Published : Mar 28, 2022, 7:30 PM IST

Updated : Mar 29, 2022, 11:31 AM IST

रायपुर :कोरोना खत्म होते ही लगातार बढ़ रही महंगाई लोगों की कमर तोड़ रही है. पिछले कुछ दिनों से लगातार पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ रहे हैं. अब 1 अप्रैल से दवा के दाम बढ़ने से भी लोगों की हालत डामाडोल (Drug prices will increase from April) होने वाली है. केंद्र सरकार ने शेड्यूल्ड दवा की कीमतों में बढ़ोतरी के लिए हरी झंडी दे दी है. इस वजह से 1 अप्रैल से 10 प्रतिशत से 12 प्रतिशत तक दवा के दाम बढ़ जाएंगे. पिछले दो सालों में कोरोना की वजह से पहले से ही कई दवाइयां काफी महंगी हो चुकी हैं. अब 1 अप्रैल से 800 से ज्यादा जरूरी दवा महंगी हो जाने के कारण लोगों पर आर्थिक बोझ और ज्यादा पड़ेगा.

1 अप्रैल से बढ़ेंगे 800 दवा के दाम

1 अप्रैल से बढ़ जाएंगी दवा की कीमतें :1 अप्रैल से बुखार, संक्रमण, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और एनीमिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों के दाम बढ़ जाएंगे. इनमें पैरासिटामोल, फिनाइटोइन सोडियम, एजिंथ्रोमाइसिन, मेट्रोनिडाजोल, फेनोबबिटोन और सिप्रोप्लोक्सासिन हाइड्रोक्लोराइड जैसी जरूरी दवाइयां भी शामिल हैं.

800 जरूरी दवा के दामों में होगी वृद्धि :मेडिकल कंप्लेक्स के अध्यक्ष विनय कृपलानी ने बताया कि जो बहुत जरूरी दवा होती हैं, उसके नेशनल लिस्ट ऑफ इसेंशियल मेडिसिन में डाला जाता है. थोक महंगाई दर के अनुसार सरकार उनकी प्राइस कंट्रोल करती है. सरकार उनकी कीमतें जो तय करती है, वह 1 साल के लिए तय करती है. हर साल उसमें बढ़ोतरी की गुंजाइश रहती है. जितना होलसेल प्राइस इंडेक्स रहता है, पिछले साल के हिसाब से उस दवा की कीमतों में वृद्धि होती है. इस साल का होलसेल प्राइस इंडेक्स 10.7 प्रतिशत के आसपास का है. इस वजह से 800 दवा 10.7 प्रतिशत के हिसाब से महंगी हुई है.

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रॉ-मैटेरियल के दाम बढ़ने से पहले की नॉन शेड्यूल दवा के बढ़ चुके हैं दाम :रॉ-मैटेरियल महंगा होने की वजह से जो नॉन शेड्यूल्ड दवा सरकार के अंदर नहीं आती हैं, वह पहले से ही काफी महंगी हैं. जो दवा सरकार के अंडर आती हैं, हर साल होल सेल प्राइस इंडेक्स के आधार पर सरकार उस दवा की कीमत तय करती है. पिछले साल का होलसेल प्राइस इंडेक्स 10.7 था. इस वजह से इस बार 800 से ज्यादा दवाइयों के दाम 10 प्रतिशत से 12 प्रतिशत तक बढ़े हैं.

लगातार बढ़ रही महंगाई से घर की आर्थिक स्थिति हो रही खराब :ग्राहक अरविंद शर्मा ने बताया कि लगातार हर चीजों के दाम बढ़ते जा रहे हैं. पहले पेट्रोल-डीजल और गैस के दामों में बढ़ोतरी हुई. अब दवा महंगी होने से घर की आर्थिक हालत खराब हो चुकी है. घर में बुजुर्ग और बच्चे सभी हैं. ऐसे में समझ नहीं आ रहा कि हम घर में राशन खरीदें या फिर दवाइयां.

दवा महंगी होने से जान बचाना हो जाएगा महंगा :ग्राहक गोल्डी हिंदुजा ने बताया कि अधिकतर लोग आज भी देश में ज्वाइंट फैमिली में रहते हैं. आज हर घर में बुजुर्ग और बच्चे हैं. सभी बुजुर्ग आज किसी न किसी बीमारी से ग्रसित हैं. वे दवाइयों पर ही जिंदा हैं. दवा महंगी होने के कारण इलाज कराना भी काफी महंगा हो जाएगा. कोरोना काल में वैसे भी कई दवा महंगी हुई है. ऊपर से अब इसेंशियल दवा भी सरकार महंगी कर रही है. सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए. महंगाई बढ़ने से घरों की आर्थिक स्थिति बहुत ज्यादा खराब हो जाती है.

Last Updated : Mar 29, 2022, 11:31 AM IST

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