रायपुर: भारत त्योहारों का देश है. फेस्टिवल पर यहां के कई लोगों के रोजगार निर्भर हैं. लेकिन इस साल लगातार हर त्योहार पर कोरोना वायरस का प्रभाव दिख रहा है. कोरोना के कारण गरबा और डांडिया जैसे इवेंट पर ग्रहण लग गया है. ऐसे में ड्रेस किराए से देने का व्यवसाय करने वाली संस्थानों को घाटा हो रहा है. कोरोना वायरस संक्रमण छत्तीसगढ़ में तेजी से फैल रहा है. ऐसे में गरबा और डांडिया जैसे इवेंट नहीं होने की पूरी संभावना है.
बता दें कि कपड़ा किराए पर देने का व्यवसाय प्रभावित हुआ है. जिससे लगभग 2 करोड़ से ज्यादा का घाटा हो सकता है. लेकिन इस बार कपड़ा किराए पर देने वाले लोगों का कहना है कि इस साल मुश्किल से थोड़ा बहुत कारोबार भी हो जाए तो बड़ी बात होगी.
त्योहारों का रंग पड़ा फीका
भरत कुमार अग्रवाल बताते हैं कि कोरोना के कारण इस बार गरबा नहीं हो पाएगा. कुछ लोग हैं जो अपनी सोसायटी में ऑनलाइन गरबे का कार्यक्रम ऑर्गेनाइज कर रहे हैं. इसके लिए पहले के मुकाबले सिर्फ 2% लोग ही ड्रेस किराए पर ले जा रहे हैं. इसलिए हमने इस साल कपड़े भी बाहर से नहीं मंगाए हैं. नवरात्रि के समय हम गुजरात से नए नए कपड़े मंगाते हैं. लेकिन कोरोना महामारी की वजह से इस बार कपड़े नहीं आ पाए हैं. पिछले साल नवरात्रि से पहले हम सभी कपड़े को साफ सुथरा कर ड्राई क्लीन कर सजा के रखते थे. ताकि लोग कपड़ा किराए पर ले जाएं. लेकिन इस बार दुकान खाली है.