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दिव्यांग छात्रों ने ऑनलाइन क्लास में दिखाई प्रतिभा, लोगों को कर रहे जागरूक

कोरोना संक्रमण से हुए लॉकडाउन के मद्देजनर दिव्यांग बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है. यह बच्चे ऑनलाइन वीडियो अपलोड कर लोगों को कोरोना से बचाव के प्रति जागरूक कर रहे हैं.

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Published : Apr 17, 2020, 1:03 AM IST

Divyang students showed talent in online class
दिव्यांग छात्रों ने ऑनलाइन क्लास में दिखाई प्रतिभा

रायपुर : कोरोना संक्रमण का कहर पूरे विश्व सहित भारत में जारी है. कोरोना का आंकड़ा दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. कोरोना महामारी के संक्रमण से बचाव के लिए प्रधानमंत्री सहित छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लाॅकडाउन के मद्देजनर लोगों से घर में रहने की अपील कर रहे हैं. लोगों को सोशल डिस्टेंसिग सहित मास्क लगाने की भी अपील कर रहे हैं.

कोरोना से बचाव के प्रति दिव्यांग बच्चे कर रहे जागरूक

वहीं छत्तीसगढ़ के शासकीय दिव्यांग महाविद्यालय के दिव्यांग छात्र चित्र के माध्यम से कोरोना संक्रमण की व्यापकता को दिखाते हुए मास्क पहनकर सुरक्षित रहने का संदेश दे रहे हैं.

कोरोना संक्रमण से बचाव के तरीके बताए जा रहे है

कोविड-19 संक्रमण को फैलता देख दिव्यांग कल्याण के सभी संस्थानों ने ऑनलाइन पढ़ाई कराना शुरू कर दिया है. इसके लिए वाॅट्सएप्प ग्रुप भी बनाया गया हैं. ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान छात्रों को कोरोना संक्रमण से बचाव के तरीके बताए जा रहे हैं.

दिव्यांग बच्चे चित्र के माध्यम से लोगों को जागरूक कर रहे हैं

विषयवार ऑडियो-वीडियो तैयार कर पढ़ाया जा रहा है

बता दें, ऑनलाइन पढ़ाई के लिए शिक्षकों ने पाठ्यक्रम अनुसार विषयावार ऑडियो-वीडियो तैयार किया गया है. शिक्षक दिव्यांग बच्चों को साइन लैंग्वेज और रिकाॅर्डिंग के माध्यम से पढ़ा रहे है. वहीं बच्चे पढ़ाई पूरी कर उन्हें जो टास्क मिलता है उसका वीडियो वे ऑनलाइन डालते है.

कॉलेज में 38 दिव्यांग बच्चे कर रहे है पढ़ाई

शासकीय दिव्यांग महाविद्यालय की प्रिसिंपल शिक्षा वर्मा बताती है कि वर्तमान में कॉलेज में 38 दिव्यांग बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. इनमें से 17 विद्यार्थी मूक-बधिर और 21 विद्यार्थी दृष्टिबाधित हैं. महाविद्यालय में मूक बधिर बच्चों के लिए बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स और दृष्टिबाधित बच्चों के लिए बैचलर ऑफ परफाॅर्मिंग आर्ट्स की क्लास ली जाती हैं. ऑनलाइन पढ़ाई से बस्तर, देवभोग, कोरबा जैसे दूर-दराज इलाके में रहने वाले बच्चे की पढ़ाई हो जाती है. उन्होंने बताया कि शुरूआत में एक-दो बच्चों ने रूचि दिखाई पर धीरे-धीरे अधिकांश बच्चे ऑनलाइन सक्रिय होने लगे. अब विद्यार्थी शौक से पढ़ाई कर रहे हैं और अपने वीडियो भी पोस्ट कर रहे हैं.

दिव्यांग विद्यार्थियों ने ऑनलाइन क्लास में दिखाई प्रतिभा

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