रायपुर:आरंग में रहने वाली पायल लाखे की कहानी बहुत ही अनोखी और स्पेशल है. 11वीं क्लास में पढ़ने वाली पायल को सुनने और बोलने में दिक्कत है, लेकिन उसकी यह कमी उसके सपनों के आड़े कभी न आई. बचपन से ही बोल और सुन नहीं पाने के बाद भी पायल बहुत अच्छी डांसर बनना चाहती है. गानों पर वो इतना शानदार थिरकती है कि कोई भी उसकी परेशानी का अंदाजा भी नहीं लगा पाएगा.
पढ़ाई में अच्छी होने के साथ-साथ पायल पेंटिग और डासिंग में भी रुचि रखती है. पायल अपने डांस का हुनर स्कूल के साथ-साथ शहर में होने वाले कई कल्चर प्रोग्राम में भी दिखाती है. साथ ही 15 अगस्त और 26 जनवरी को होने वाले कार्यक्रमों में भी पायल ने अपनी कला प्रदर्शन से लोगों का दिल जीता है और उसे कई पुरस्कार मिले हैं.
'पायल पर भगवान का आशीर्वाद'
पायल ज्यादातर डांस खुद से ही सीख कर करती हैं, लेकिन बीच-बीच में उन्हें डांस सिखाने के लिए उनके टीचर आयुष बताते हैं कि पायल को शुरुआती दिनों में डांस सिखाने में परेशानी तो होती थी. लेकिन इस पर भगवान का आशीर्वाद है और सारी चीजों को यह बारीकी से देख-देख कर समझ जाती है. पायल हर एक स्टेप को कैच कर लेती है.
डांस टीचर का कहना है कि पायल के अंदर बहुत कॉन्फिडेंस है, जिसकी वजह से ही वह आगे बढ़ रही है. आयुष ने बताया कि अगर पायल को अच्छा गाइडेंस मिले और कोई अच्छा डांस टीचर मिले तो यह डांसिंग में अच्छा मुकाम हासिल कर सकती है.
दोनों बेटियों को है बोलने और सुनने में परेशानी
पायल की मां ममता लाखे ने बताया कि उनकी दोनों बेटियां बचपन से ही बोल और सुन नहीं पाती थीं. आरंग में इलाज का कोई अच्छा साधन नहीं होने की वजह से वह दोनों का उपचार कराने में असमर्थ थी. फिर रायपुर में इलाज कराने पर डॉक्टर ने बताया कि बड़ी बेटी का ज्यादा इम्प्रूवमेंट नहीं हो पाएगा. इसके बाद पायल का इलाज कराया गया, उसकी स्थिति में थोड़ा सुधार आया और वह थोड़ा बहुत सुनने और बोलने लगी.