रायपुर:विधानसभा में आज महाधिवक्ता की पुनर्नियुक्ति और पूर्व महाधिवक्ता कनक तिवारी को हटाए जाने का मुद्दा उठा. विपक्ष इस मामले में सरकार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लेकर आया लेकिन अस्वीकार कर दिया गया.
सदन में गूंजा महाधिवक्ता विवाद भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि कनक तिवारी के इस्तीफे को लेकर जिस तरह से अलग-अलग बयान आया जिससे सवाल उठना लाजिमी है. इस मामले में विपक्ष के विस्तृत चर्चा की मांग को आसंदी ने खारिज कर दिया. इस मामले में हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए रोकनी पड़ी.
सत्ता पक्ष ने दिया विपक्ष को जवाब
सत्ता पक्ष का कहना है कि ये मुद्दा निदा प्रस्ताव का बनता ही नहीं. महाधिवक्ता की पुनर्नियुक्ति संविधान के मुताबिक की गई है. उनकी नियुक्ति पत्र पर राज्यपाल के हस्ताक्षर हैं. जिस आदेश पर राज्यपाल का हस्ताक्षर हो उसे छत्तीसगढ़ विधानसभा में निंदा प्रस्ताव का मुद्दा नहीं बनया जा सकता.
कनक तिवारी की जगह हुई थी सतीश चंद्र वर्मा की नियुक्ति
जून महीने में नाटकीय अंदाज में तत्कालीन महाधिवक्ता कनक तिवारी को हटाकर उनकी जगह पर सतीश चंद्र वर्मा की नियुक्ति कर दी गई थी. इस मामले में सत्ता पक्ष का कहना था कि तिवारी ने काम करने से अनिच्छा जाहिर की थी, इसलिए उनकी जगह पर दूसरी नियुक्ति की गई है.