रायपुर: धान को लेकर रायपुर से दिल्ली तक सियासी संग्राम मचा हुआ है. एक ओर जहां केंद्र सरकार ने इस साल छत्तीसगढ़ का एक भी दाना धान खरीदने से इंकार कर दिया है, तो वहीं प्रदेश सरकार केंद्र के इस कदम को किसानों के साथ धोखा बताकर इसका विरोध कर रही है.
धान पर प्रदेश के पूर्व और वर्तमान मुख्यमंत्रियों के बीच भी घमासान मचा है. सीएम भूपेश बघेल ने ट्विटर पर शायर साहिर लुधियानवी का शेर लिखा कि 'हम अम्न चाहते हैं, मगर जुल्म के ख़िलाफ़.. ग़र जंग लाज़मी है तो फिर जंग ही सही'. बघेल के इस ट्वीट पर पलटवार करते हुए पूर्व सीएम रमन सिंह ने उदय प्रताप सिंह की गजल की दो लाइन ट्वीट कर दी, रमन ने लिखा कि ''पुरानी कश्ती को पार लेकर, फ़कत हमारा हुनर गया है, नए खेवैये कहीं न समझें, नदी का पानी उतर गया है'.
खिसकानी पड़ी धान खरीद की तारीख
बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में ऐलान किया था कि, अगर वो सत्ता में आए तो राज्य के किसानों के धान को 2500 रुपये क्विंटल के दाम से खरीदा जाएगा. कांग्रेस का यह तीर एक दम निशाने पर लगा और सूबे की आवाम ने कांग्रेस पर वोट के जरिए जमकर प्यार लुटाया जिसका नतीजा यह हुआ कि, कांग्रेस ने 90 में 68 सीटें जीतकर वो कर दिखाया जिसकी किसी ने उम्मीद भी नहीं की थी. सरकार बनने के बाद वादे के मुताबिक सरकार ने 15 नवंबर से प्रदेश में धान खरीद शुरू करने का ऐलान किया ही था, कि केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ का चावल न खरीदने की बात कहकर उसकी पेशानी पर बल डाल दिया, जिसकी वजह से प्रदेश सरकार ने धान खरीद की तारीख को बढ़ाकर एक दिसंबर कर दिया है.