रायपुर:कोरोना वायरस से निपटने डॉक्टर्स, स्वास्थ्यकर्मी और सफाईकर्मी दिन-रात जुटे हुए हैं. कोरोना वायरस पिछले डेढ़ साल से तबाही मचा रहा है. इस दौरान मास्क,सैनिटाइजर, हैंड ग्लव्स की डिमांड काफी बढ़ी है. इस दौरान इनको डिस्पोज करना बहुत जरूरी हो जाता है. सही तरीके से डिस्पोज नहीं किए जाने पर ज्यादा संक्रमण का खतरा रहता है. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल से बायो मेडिकल वेस्ट निकलता है. उसे डिस्पोज करने के लिए एक प्राइवेट कंपनी को ठेका दिया गया है. जो रोजाना प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों से बायो मेडिकल वेस्ट लेकर जाती है और डिस्पोज करती है.
जिला अस्पताल प्रभारी डॉक्टर पीके गुप्ता ने बताया कि बायोमेडिकल वेस्ट के निष्पादन के लिए सरकार की क्लियर कट गाइडलाइन है. सुप्रीम कोर्ट की भी गाइडलाइन है. जिसके अनुसार हमारे कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी गई है. बायोमेडिकल वेस्ट को उनकी प्रकृति के हिसाब से रेड डस्टबिन, ब्लू डस्टबिन, व्हाइट डस्टबिन, यलो डस्टबिन से अलग किया जाता है. उनका वजन भी लिया जाता है. जिस कलर का डस्टबिन होता है उसी कलर का पॉलिथीन बैग होता है. उसमें बायोमेडिकल वेस्ट रखकर बांध दिया जाता है. बाहर एक छोटा कमरा बनाया गया है. बायोमेडिकल वेस्ट को वहां स्टोर किया जाता है. हेल्थ डिपार्टमेंट का SMS नाम की एक कंपनी से कॉन्ट्रैक्ट है. जो बायोमेडिकल वेस्ट का फाइनल डिस्पोजल करती है.
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