रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना के केस पहले के मुकाबले थोड़े कम हुए हैं. लगभग 20 से 25 दिन पहले रोजाना तीन से चार हजार संक्रमित मरीज सामने आ रहे थे. यह आंकड़ा अब घटकर 2000 से 2500 तक पहुंच गया है. ETV भारत ने कम हो रहे आंकड़ों को लेकर नोडल अधिकारी डॉ. ओपी सुंदरानी से बातचीत की. उनका कहना है कि भले ही मरीजों की संख्या कम हो गई है, लेकिन आईसीयू में पेशेंट उतने ही हैं और यह चिंताजनक है. पहले जो पेशेंट थे उनमें लक्षण कम होते थे. बहुत कम लोगों को ही ICU की जरूरत पड़ती थी, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं.
डॉ. सुंदरानी का कहना है कि अब जो संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं. वह ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों से हैं. पहले ज्यादा संक्रमित मरीज रायपुर से सामने आ रहे थे. अब ग्रामीण क्षेत्रों से आ रहे हैं. रायपुर में हर आधे घंटे की दूरी पर लोगों को अस्पताल और एक अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्था मिल जाती है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों की बात करते हैं, तो वहां यह स्थिति नहीं है. चिंता की बात यह कि जो पॉजिटिव मरीज सामने आ रहे हैं, उनमें बुजुर्गों की संख्या ज्यादा है. उन्हें सीधा आईसीयू में एडमिट करना पड़ रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में फैल रहा संक्रमण कहीं न कहीं एक बड़ा खतरा है. चिंता भी यही है कि यह संक्रमण ग्रामीण क्षेत्रों में न फैले.
सतर्कता जरूरी
डॉ. ओपी सुंदरानी का कहना है कि यह समझना होगा कि वायरस गया नहीं है. पहले यह संक्रमण बड़े शहरों में फैला, उसके बाद वह फैलते-फैलते छोटे शहरों और उसके बाद ग्रामीण क्षेत्रों में गया. यह हाल फिर से हो सकता है. वायरस भले ही रायपुर में कम दिख रहा हो, लेकिन वह गया नहीं है. वह ग्रामीण क्षेत्रों से लौटकर फिर शहरी क्षेत्रों में आ सकता है. इसलिए हम सभी को सतर्क रहना जरूरी है.