रायपुर:छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज मानसून सत्र के दौरान बघेल सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा जोरों पर थी. इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोंकझोंक भी देखने को मिली. चर्चा की शुरुआत भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने की. चर्चा के दौरान बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता ने हमें सत्ता से हटा कर कांग्रेस पर विश्वास कर सरकार बनाया, लेकिन इन 3 सालों में जनता की उम्मीदों का गला घोट दिया गया (Discussion on no confidence motion in House in chhattisgarh assembly) है.
टाइम लिमिट को लेकर हुई बहस: इस दौरान टाइम लिमिट को लेकर भी बहस हुई. सत्ता पक्ष ने समय की याद विपक्ष को दिलायी. सीएम ने कहा कि बोलने के लिए सबका अलग-अलग समय निर्धारित किया गया है. नियम का पालन होना चाहिए. इसके बाद नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि ये सरकार डरी हुई है और हमें समय की याद दिला रही है. इस पर पक्ष-विपक्ष के बीच तीखी नोक-झोंक हुई. बहस के दौरान भाजपा विधायक ननकीराम कंवर ने कहा कि कोई विधायक, मंत्री सुनने वाला नहीं है जिसे लेकर सत्तापक्ष ने आपत्ति दर्ज की. पक्ष-विपक्ष में नोंक-झोंक शुरू हो गयी. आसंदी ने कहा अपने-अपने समय में सब अपनी बात रखें, कोई दूसरा बोल रहा है तो उसमें टोका टाकी ना करे.
आदिवासियों का हो रहा विकास:अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस सदस्य मोहन मरकाम ने कहा, " हमनें चुनाव के पहले नारा दिया था वक्त है बदलाव का. 2018 में कांग्रेस पर विश्वास कर जनता ने हमें पूर्ण बहुमत दिया, हमारी सरकार आने के बाद विकास हो रहा है. विपक्ष के आरोप बेबुनियाद हैं. विपक्ष ने 84 बिंदुओं पर हम पर आरोप लगाया है. इनके एक भी आरोप सिद्ध नहीं होते. बीजेपी ने अपने शासनकाल में कहा था कि बेरोजगार को बेरोजगारी भत्ता देंगे. लेकिन दिया नहीं. प्रत्येक आदिवासी परिवार के एक सदस्य को नौकरी देंगे, लेकिन दिया नहीं. हमारी सरकार 36 वादों में से 30 वादे पूरा कर दी है. 15 साल बीजेपी की सरकार ने आदिवासियों के साथ अन्याय किया. नक्सली बताकर आदिवासियों को जेल में भेजा. हमारी सरकार आने के बाद गांव की तस्वीर बदली. आदिवासियों का विकास हो रहा है. बीजेपी शासनकाल में कुपोषण का दर 42 फीसद हुआ करता था. हमारे साढ़े 3 साल के शासन काल में इसमें अधिकतम गिरावट आई है."