रायपुर: मंगलवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने अपने निवास में संस्कृति विभाग के कार्यों की समीक्षा की. बैठक में प्रदेश के कालाकारों को मजबूत करने और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए चर्चा की गई. इसके अलावा छत्तीसगढ़ की संस्कृति को और बेहतर बनाने के लिए अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए. सीएम ने कहा कि छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति (Culture of Chhattisgarh) को सहेजने के लिए अब डिजिटल लाइब्रेरी (digital library) तैयार की जाएगी.
सीएम बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़(Chhattisgarh)की वैभवशाली और समृद्ध संस्कृति के विभिन्न आयामों को सहेजने के लिए डिजिटल लाइब्रेरी तैयार की जाए. जिसके जरिए विश्व पटल पर छत्तीसगढ़ की संस्कृति (Culture of Chhattisgarh)को नई पहचान दिलाने में और आने वाली पीढ़ी को अपनी संस्कृति से अवगत कराने में सहायता मिलेगी.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल(CM Bhupesh Baghel) ने कहा कि छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति (Folk Culture of Chhattisgarh) में अनेक वाद्ययंत्रों का प्रचलन रहा है. बहुत से लोगों को अब इनकी जानकारी नहीं है. ऐसे वाद्ययंत्रों की जानकारियां उनके नाम, बजाने की विधि समेत अन्य जानकारी रिकॉर्ड कर डिजिटल रूप से संग्रहित की जानी चाहिए. छत्तीसगढ़ के विभिन्न अंचलों के लोक नृत्यों, लोक कलाकारों के संबंध में भी जानकारी एकत्र की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की लोक कलाकार प्रोत्साहन योजना सहित संस्कृति विभाग की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से छत्तीसगढ़ की संस्कृति का संरक्षण, संवर्धन का महत्वपूर्ण कार्य कर रहे अधिक से अधिक युवा कलाकारों को प्रोत्साहन दिया जाए.
कलाकारों को 9 करोड़ 56 लाख रूपए का दिया गया मानदेय
संस्कृति विभाग के सचिव अन्बलगन पी(Anbalagan P) ने बैठक में जानकारी दी कि लोक कलाकार प्रोत्साहन योजना, मानस मंडली प्रोत्साहन योजना, अर्थाभावग्रस्त होनहार कलाकारों के लिए छात्रवृत्ति योजना प्रारंभ की गई है. साल 2020-21 में 131 प्रकरणों में 14 लाख 76 हजार रूपए की सहायता दी गई. सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करने वाले 1 हजार 678 कलाकार दलों को 9 करोड़ 56 लाख रूपए का मानदेय दिया गया है.