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World kidney day 2023 : डायलिसिस की चुनौतियां और समाधान

किडनी हमारे शरीर का एक अहम अंग है. जो खून से गंदगी को साफ करने का काम करता है. इसके बिना हम अपने शरीर की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं.क्योंकि जिन अंगों तक खून पहुंचता है उसका संक्रमित रहित होना आवश्यक है. नहीं तो कई तरह की बीमारियां आपको परेशान कर सकती हैं.वहीं जिन लोगों को किडनी संबंधी बीमारियां होती है उनके लिए डायलिसिस किसी वरदान से कम नहीं है.

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डायलिसिस की चुनौतियां और समाधान

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Published : Mar 9, 2023, 2:05 PM IST

रायपुर : किडनी हमारे शरीर में उत्पन्न होने वाले अपशिष्ट उत्पादों को हटाने का काम करती हैं. हालांकि, पुरानी किडनी रोग वाले लोगों में. किडनी ठीक से काम नहीं कर सकती.जिसके कारण अपशिष्ट उत्पाद हमारे शरीर में इकट्ठा होने लगते हैं.जिसके कारण कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.किडनी की समस्या से पीड़ित लोगों के शरीर में जमा अपशिष्ट उत्पादों को हटाने के लिए कृत्रिम उपायों की जरुरत होती है.जिसे डायलिसिस कहा जाता है.

डायलिसिस के प्रकार :डायलिसिस दो तरह के होते हैं - हेमोडायलिसिस और पेरिटोनियल डायलिसिस. पेरिटोनियल डायलिसिस अपशिष्ट उत्पादों को हटाने के लिए पेट के गुहा वाले हिस्से के अंदर जमा अपशिष्टों को अलग करता है, जबकि हेमोडायलिसिस रक्तप्रवाह से अपशिष्ट उत्पादों को हटाने के लिए कृत्रिम फिल्टर का उपयोग करता है. हेमोडायलिसिस क्रोनिक किडनी रोग वाले लोगों के लिए एक जीवन-रक्षक चिकित्सा उपाय है. क्योंकि यह अपशिष्ट उत्पादों को हटाता है और सभी अंग प्रणालियों को ठीक से काम करने में मदद करता है. जिससे मरीजों को लंबी उम्र जीने में मदद मिलती है.


डायलिसिस से जीवन शैली :हेमोडायलिसिस पर लोग एक स्वस्थ जीवन का नेतृत्व कर सकते हैं क्योंकि चिकित्सा उन्हें दैनिक जीवन की गतिविधियों को जारी रखने में सक्षम बनाती है. इसकी सहायता से मरीजों को बेहतर महसूस होता है और अधिक ऊर्जा मिलती है. डायलिसिस पर लोग काम करना, यात्रा करना और अन्य गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं. यानी जीवन से जुड़े वो सारे काम कर सकते हैं जो एक सामान्य इंसान करता है.

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हेमोडायलिसिस में चुनौतियां :हेमोडायलिसिस में थोड़ी चुनौतियां भी हैं. मरीजों को हेमोडायलिसिस करने के लिए उस हिस्से तक उपकरण का पहुंचना जरुरी है जहां से हमारे शरीर में रक्त फिल्टर होता है. कैथेटर या एवी फिस्टुला को संवहनी तक पहुंच के बिना हेमोडायलिसिस संभव नहीं है. इस तरह की पहुंच बनाना और बनाए रखना कई रोगियों के लिए चुनौतीपूर्ण भरा काम है. हेमोडायलिसिस पर मरीजों को संक्रमण और हृदय रोगों जैसी जटिलताओं के उच्च जोखिम का सामना करना पड़ सकता है, साथ ही कुपोषण, एनीमिया (कम हीमोग्लोबिन स्तर), विटामिन की कमी और हड्डी की बीमारी जैसी चुनौतियां भी होती हैं.लेकिन आजकल कुशल टीम और मेडिकल सहायता से आसानी से हेमोडायलिसिस के केस हैंडल किए जा रहे हैं. ताकि मरीजों की जान बचाई जा सके.

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