रायपुर: जेसीसीजे में सियासी घमासान जारी है (Dharamjit Singh expulsion from JCCJ). धर्मजीत सिंह पर जोगी कांग्रेस ने कार्रवाई की (Political turmoil in JCCJ in chhattisgarh). जिसके बाद से जेसीसीजे में फूट पड़ गई है. धर्मजीत सिंह के निष्कासन के बाद बलौदाबाजार विधायक प्रमोद शर्मा उनके समर्थन में आ गए हैं और पार्टी से बगावत कर दी है. पार्टी में उथल पुथल के बीच राजनीतिक गलियारों में जेसीसीजे के अस्तित्व को लेकर चर्चा जोरों पर हैं. आखिर आने वाले दिनों में जोगी कांग्रेस का क्या होगा (Crisis on existence of Jogi Congress).
जोगी कांग्रेस का क्या होगा धर्मजीत सिंह पर कार्रवाई के बाद जोगी कांग्रेस में सामूहिक इस्तीफा:धर्मजीत सिंह के निष्कासन के बाद जोगी कांग्रेस के रायपुर जिला अध्यक्ष बेदराम साहू समेत 15 कार्यकर्ताओं ने सामूहिक इस्तीफे का पत्र पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी को लिखा है. सामूहिक इस्तीफा देने वालो में पूर्व जिला अध्यक्ष ओम प्रकाश देवांगन, बिरगांव नगर निगम क्षेत्र पार्षद एवज देवांगन , डिगेश्वर देवांगन ,अश्वनी चान्द्रे ने पार्टी से इस्तीफा दिया है. इसके साथ ही लोरमी विधानसभा क्षेत्र से बड़ी संख्या में धर्मजीत के समर्थक पार्टी से इस्तीफा दे सकते हैं (Political turmoil in JCCJ in chhattisgarh ).
"जेसीसीजे सौ फीसदी हुई खत्म":विधायक प्रमोद शर्मा ने कहा कि "मैं धर्मजीत सिंह के साथ हूं उनका जो फैसला होगा मैं उनके साथ रहूंगा. पार्टी से निकाला गया है मैं उसका विरोध करता हूं. प्रमोद शर्मा ने दावा किया कि जोगी कांग्रेस पार्टी सौ फीसदी खत्म हो गई है. हम बीजेपी से विलय की कोई बात नहीं कर रहे थे. लेकिन हम चर्चा करते थे कि अमित जोगी के रहते पार्टी नहीं चल सकती. इसलिए कुछ रास्ता निकालने की बात होती थी. अगर पार्टी से विधायक दल के नेता को निकाला जा रहा है मैं भी एक विधायक हूं और मुझे इस बात की जानकारी नहीं है."
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जनता का प्यार ही परिवार और पार्टी की धरोहर:वहीं पार्टी के अस्तित्व के सवाल को लेकर अमित जोगी कहाना है कि " हमारी पार्टी का नाम जिसे मेरे पिता अजित जोगी ने रखा जनता कांग्रेस .उन्होंने पार्टी का नाम नेता कांग्रेस नहीं रखा.अजित जोगी की जो ताकत रही है वह छत्तीसगढ़ की जनता है. जो छत्तीसगढ़ से प्रेम रखते हैं.2003 से लगातार वे विपक्ष में रहे. उसके बाद भी उनकी पॉलिटिक्स को किसी ने मजबूत किया है तो वह जनता का प्यार था. जनता का प्यार ही हमारे परिवार और पार्टी की धरोहर है. हम जनता के बीच से जाते हैं और जाते रहे हैं. मुझे पूरा विश्वास है छत्तीसगढ़ की जनता जोगी जी के प्रति श्रद्धांजलि जरूर देगी. अमित ने कहा पार्टी को बचाने के लिए धर्मजीत सिंह का निष्कासन करना जरूरी था. पार्टी में लोगो का आना जाना लगा रहता है. आगे देखिएगा लोरमी , तखतपुर और पंडरिया में क्या होने वाला है. कुछ लोग पार्टी छोड़कर जाते हैं तो नए लोग आते भी हैं."
"जेसीसीजे पर खड़ा हो रहा विश्वसनीयता का सवाल":जोगी कांग्रेस के अस्तित्व को लेकर वरिष्ठ पत्रकार अनिल पुसदकर का कहना है कि " ढाई साल के कार्यकाल में अजीत जोगी जितना लोकप्रिय हुए दुर्भाग्य से पहले चुनाव में ही वे हार गए. उसके बाद उन्होंने कांग्रेस से हटकर अपनी पार्टी बनाई . शुरआत में ग्राफ बढ़ा लेकिन अजीत जोगी के देहांत के बाद पार्टी की स्थिति और खराब होती जा रही है. धर्मजीत सिंह कोई छोटे विधायक नहीं थे. मध्य प्रदेश के विभाजन के समय विद्याचरण शुक्ल ने धर्मजीत सिंह से बहुत कोशिश की थी कि वह कांग्रेस छोड़ कर आ जाएं और उनकी कांग्रेस के प्रति निष्ठा थी. ऐसे लोग कांग्रेस छोड़कर अजीत जोगी के साथ गए. अगर उन्हें जोगी कांग्रेस से निकाला जा रहा है तो पार्टी में अब कौन रहेगा. विश्वसनीयता का सवाल जोगी कांग्रेस के साथ खड़ा हो रहा है."
"तीन पार्टियों में बट जाएगी जोगी कांग्रेस"जोगी कांग्रेस की वर्तमान स्तिथि को लेकर राजनीतिक विश्लेषक शशांक शर्मा का कहना है कि " अजीत जोगी ने जिन शब्दों को लेकर पार्टी का गठन किया था.इस पार्टी ने 2018 के विधानसभा चुनाव में जिस तरह से परफार्म किया.उससे छत्तीसगढ़ में एक क्षेत्रीय पार्टी के रूप में स्थापित होने कि उनकी पूरी संभावना थी. लेकिन अजीत जोगी के निधन के बाद पार्टी में अव्यवस्था आ गई. पार्टी के बड़े नेताओं में यह स्पष्ट हो गया कि अजीत जोगी के जाने के बाद पार्टी का अस्तित्व खत्म हो जाएगा. कांग्रेस पार्टी जिनके पास 70 विधायक हैं उन्हें जोगी कांग्रेस की जरूरत नहीं है. पार्टी के अंदर में जोगी परिवार के प्रवेश को लेकर भी मतभेद है. इसलिए यह मामला लटका हुआ है. जैसे ही चुनाव का समय आएगा जोगी कांग्रेस तीन पार्टियों में बंट जाएगी. कुछ कांग्रेस पार्टी में चले जाएंगे .अभी से भाजपा में जाने का सिलसिला शुरू हो गया. जो कार्यकर्ता इन पार्टियों से संतुष्ट नहीं हैं. वे बड़ी संख्या में आम आदमी पार्टी से जुड़ेंगे."