छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

धनतेरस पर धन बरसे: सज गए हैं बाजार, जानें क्या हैं परंपराएं - कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी

धन का पर्व धनतेरस के आते ही बाजारों में रौनक लगने शुरू हो गए है. इस दिन भगवान धन्वंतरी की पूजा कर दिवाली की शुरुआत की जाती है.

धनतेरस पर धन बरसे

By

Published : Oct 24, 2019, 11:57 PM IST

रायपुर:कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन भगवान कुबेर और धन्वंतरी की पूजा की जाती है.
ऐसा माना जाता है कि इस दिन समुद्र मंथन के बाद भगवान धन्वंतरी प्रकट हुए थे. जब ये प्रकट हुए थे, उस समय इनके हाथों में एक अमृत कलश था. जिस वजह से इस दिन धातु खरीदने की परंपरा चली आ रही है.

धनतेरस से होती है दीपावली की शुरुआत

दीयों के त्योहार दीपावाली की शुरुआत धनतेरस के दिन से मानी जाती है. इस दिन घरों में माता लक्ष्मी, कुबेर और भगवान धन्वंतरी की पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन धातु की खरीदारी शुभ होती है. व्यापारी से लेकर आम नागरिक धनतेरस के दिन ही वाहन, आभूषण, बर्तन आदि की खरीदारी करते हैं. सराफा बाजार में धनतेरस की दिन की रौनक देखते ही बनती है. सराफा व्यापारी धनतेरस के दिन की तैयारी महीनों पहले ही शुरू कर देते हैं.

तेरह दीये जलाकर करते है माता लक्ष्मी का स्वागत

छत्तीसगढ़ में धनतेरस की शाम महिलाएं आंगन गोबर से लीपकर चावल आटे से बने तेरह दीये दरवाजे पर रखती हैं. उनका मानना है कि इन दीयों के साथ ही माता लक्ष्मी को घर में पधारने का आमंत्रण दिया जाता है. वहीं रीति रिवाज के साथ नए आभूषणों और बर्तनों की पूजा की जाती है. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन 5 धातु खरीदे जाते हैं, जिसमें सोना, चांदी, पीतल, कांसा, तांबा शामिल हैं. कई-कई जगहों पर इस दिन झाड़ू खरीदने की भी परंपरा है कहा जाता है कि इससे सारे कष्ट घर के बाहर निकल जाते हैं.

बाजारों में लगती है रौनक

धनतेरस के दिन बड़ी संख्या में लोग खरीदारी करते हैं. इस दिन सुबह से लेकर आधी रात तक खरीदारी होती रहती है. इस दिन के लिए दुकानदार अपनी दुकानों को सजाकर रखते है. सराफा बाजारों में करोड़ो की बिक्री होती है. वही ऑटोमोबाइल सेक्टर भी इस दिन खासे व्यस्त होते हैं. लोग गाड़ियों की पहले से बुकिंग कर धनतेरस के दिन डिलीवरी लेते हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details