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नरक चतुर्दशी पर यम पूजा का महत्व, ऐसे मनाएं छोटी दिवाली - धनतेरस 2020

इस बार धनतेरस के दिन ही चतुर्दशी तिथि आ रही है. इस दिन अभयदान ( दिवाली स्नान अनुष्ठान) का शुभ समय सुबह 5:23 से शुरू होकर 6:43 बजे तक रहेगा. इस दिन छोटी दिवाली मनाने की परंपरा है.

narak chaturdashi
धनतेरस के दिन ही चतुर्दशी तिथि

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Published : Nov 13, 2020, 8:02 AM IST

Updated : Nov 13, 2020, 10:00 AM IST

रायपुर: कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को नरक चतुर्दशी मनाई जाती है. इसे रूप चौदस भी कहते हैं. इस साल दिवाली और नरक चौदस दोनों एक ही दिन पड़ रहे हैं. इसे छोटी दिवाली भी कहते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक महीने की चतुर्दशी तिथि पर छोटी दीवाली मनाई जाती है. इस दिन अभयदान( दिवाली स्नान अनुष्ठान) का शुभ समय सुबह 5:23 से शुरू होकर 6:43 बजे तक रहेगा.

इस बार धनतेरस के दिन ही चतुर्दशी तिथि

इस बार धनतेरस के दिन ही चतुर्दशी तिथि आ रही है. प्रदोष काल में आने की वजह से इस दिन रूप चतुर्दशी, हनुमान पूजन, यमदीप दान होगा. मान्यता है कि इस दिन लोग सुबह उबटन लेपन के बाद ही स्नान करते हैं. नरक चतुर्दशी के दिन यम पूजा की जाती है. कहते हैं कि इस दिन यम की पूजा करने से अकाल मृत्यु नहीं होती है. कहा जाता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर नाम के राक्षस वध किया था, तभी से इस दिन को नरक चतुर्दशी कहा जाता है. इस दिन यम को दीपक जलाने की परंपरा है.

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छोटी दिवाली मनाने की परंपरा

हिंदू धर्म में नरक चतुर्दशी का बड़ा महत्व है. यह दिवाली के पांच त्योहारों में से एक है. इस दिन सुबह उठ कर स्नान करने का महत्व है. नरक चौदस पर उबटन लगाया जाता है. स्नान के बाद लोग नए कपड़े पहनते हैं, पूजा करते हैं. इस दिन छोटी दिवाली मनाने की परंपरा है. इस दिन यम को दीप जलाने से अकाल मृत्यु नहीं होती.

Last Updated : Nov 13, 2020, 10:00 AM IST

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