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चिटफंड कंपनियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई के निर्देश, जब्त होगी संपत्ति

छत्तीसगढ़ में चिटफंड कंपनियों के खिलाफ पुलिस बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है. डीजीपी ने इसे लेकर राजधानी रायपुर में बैठक ली है. डीजीपी ने ऐसी कंपनियों के खिलाफ जिलेवार दर्ज प्रकरणों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं.

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डीजीपी डीएम अवस्थी

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Published : Feb 3, 2021, 7:50 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ पुलिस चिटफंड कंपनियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने जा रही है. छत्तीसगढ़ के डीजीपी डीएम अवस्थी ने चिटफंड कंपनियों के खिलाफ दर्ज प्रकरणों के सबंध में सभी 27 जिलों के नोडल अधिकारियों की बैठक ली. बैठक में अनियमित वित्तीय कंपनियों के खिलाफ दर्ज प्रकरणों की जिलेवार समीक्षा की गई.

बैठक में भाग लेते पुलिस अधिकारी

जब्त होगी संपत्ति

चिटफंड को लेकर जो प्रकरण 23 जुलाई 2015 के बाद दर्ज किये गये हैं और चालान कोर्ट में प्रस्तुत की जा चुकी है, लेकिन संपत्ति चिन्हित नहीं की गई है. ऐसे केस में चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा प्राप्त कर आरोपियों की संपत्ती को कुर्की का आदेश देने को कहा गया है. संबधित जिला कलेक्टर इसके लिए निर्देशित किया गया है. जिन प्रकरणों में अभी जांच चल रही है, उसमें संपत्ति चिन्हित नहीं की गई है, ऐसे केस में तत्काल संपत्ति चिन्हित कर कुर्की की कार्रवाई करने को कहा गया है.

कुर्की के लिए अंतरिम आदेश जारी करने के निर्देश

बैठक के दौरान संबंधित जिलों के कलेक्टर से समन्यव कर रायपुर में 7, बलौदाबाजार में 9, महासमुंद में 7, गरियाबंद में 1, बिलासपुर में 15, रायगढ में 8, जांजगीर चांपा में 5, कोरबा में 1, दुर्ग में 8, राजनांदगांव में 5, कबीरधाम में 1, बेमेतरा में 2, बलौदाबाजार में 6, सरगुजा में 5, जशपुर में 3, कोरिया में 5, सूरजपुर में 7, जगदलपुर 2 और कांकेर में 9 प्रकरणों में कुर्की के लिए अंतरिम आदेश जारी करने के निर्देश दिए गए हैं.

पेंडिंग केसों में जल्द सुनवाई के निर्देश

डीजीपी ने चिटफंड, एनडीपीएस, शराब एवं महिला अपराधों के संबंध में तत्काल कार्रवाई करने और पेंडिंग केसों का जल्द निराकरण करने के निर्देश दिए हैं. राज्य के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षकों को इन अपराधों के संबंध में नोडल अधिकारी नियुक्त करने का भी आदेश जारी किया गया है. डीजीपी ने चिटफंड के प्रकरणों में फॉरेंसिक ऑडिट के संबंध में सभी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षकों को समझाईश दी है. बैठक में एजेंटों के खिलाफ दर्ज प्रकरणों में शासन के नीतिगत निर्णय के अनुसार गिरफ्तार एजेंटों को न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत करने के लिए जन जागरूकता लाये जाने और विवेचनाधीन प्रकरणों में एजेंटों को शासकीय गवाह बनाये जाने के निर्देश भी दिए गए हैं.

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