रायपुर : मध्य प्रदेश हनीट्रैप मामले में छत्तीसगढ़ को लेकर डीजीपी डीएम अवस्थी ने मीडिया से चर्चा में कहा कि इस मामले में मध्य प्रदेश पुलिस कार्यवाही कर रही है. मामले में छत्तीसगढ़ के कुछ मंत्रियों के नाम के सवाल पर कहा कि इस संबंध में किसी तरह की कोई जानकारी मध्य प्रदेश पुलिस से नहीं मिली है.
हनीट्रैप मामले में छत्तीसगढ़ के कुछ मंत्रियों के नाम पर डीजीपी अवस्थी ने क्या कहा जानें, क्या है हनीट्रैप मामला
बता दें कि 17 सितंबर को मध्यप्रदेश के इंदौर जिला नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह ने पलासिया थाने में खुद को ब्लैकमेल करने की एफआईआर दर्ज कराई थी. उन्हें इसका अंदाजा नहीं था कि यह मामला इतना संगीत हो सकता है. जैसे-जैसे प्रदेश में फैली हनीट्रैप मामले की कहानियां उजागर हुई, वैसे-वैसे कई नौकशाह, राजनेता की संदिग्ध भूमिका सामने आ रही है.
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एफआईआर में हरभजन सिंह ने दावा किया था कि उन्हें 29 वर्षीय आरती दयाल नाम की एक महिला द्वारा ब्लैकमेल किया जा रहा था. उक्त महिला ने तीन करोड़ रुपए की रंगदारी की मांग की थी और रकम न चुकाने पर इंजीनियर के कथित अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी भी दी गई थी. पुलिस जांच में पता चला कि एक गैर सरकारी संगठन ने कथित तौर पर राजनेताओं, नौकरशाहों और कई बड़े रसूखदारों को ब्लैकमेल करने के लिए उनके अश्लील वीडियो बनाए हैं, जिसे सार्वजनिक करने की धमकियों के एवज में जबरन वसूली की जाती थी.
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मामले में पुलिस ने रिमांड पूरी होने के बाद आरोपी श्वेता स्वप्निल जैन, श्वेता विजय जैन, आरती दयाल, मोनिका यादव और बरखा सोनी को जुडिशियिल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास (जेएमएफसी) मनीष भट्ट की अदालत में पेश किया था. अदालत ने पांचों को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया था.