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Raipur Mahamaya Temple : चैत्र नवरात्र पर मां महामाया मंदिर में उमड़ा भक्तों का जनसैलाब - चैत्र नवरात्र पर मां महामाया मंदिर

रायपुर के सिद्ध पीठ मां महामाया मंदिर में नवरात्र की शुरुआत हो गई है. यहां पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा हुई. सुबह से ही मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली. Chaitra navratri 2023

Maa Mahamaya Temple
मां महामाया मंदिर

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Published : Mar 22, 2023, 5:55 PM IST

महामाया मंदिर में पूजा

रायपुर: बुधवार से से चैत्र नवरात्र की शुरूआत हो चुकी है. 9 दिनों तक देवी मंदिरों में इसी तरह भक्तों की भीड़ देखने को मिलेगी. पहले दिन ज्योति कलश प्रज्ज्वलित के साथ ही माता के शैलपुत्री रूप की पूजा की गई. इसी तरह आने वाले 9 दिनों तक मां के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाएगी. नवरात्र के पहले दिन रायपुर के सिद्ध पीठ मां महामाया मंदिर में भक्तों का जनसैलाब दिखा. लोग सुबह 4 बजे से ही माता के दर्शन के लिए मंदिर पहुंच रहे थे.

सभी देवी मंदिरों में उमड़ी भक्तों की भीड़:रायपुर में कई देवी मंदिर हैं. इन सभी मंदिरों में आने वाले 9 दिनों तक, भक्तों की भीड़ देखने को मिलेगी. हालांकि रायपुर के सिद्ध पीठ महामाया मंदिर प्राचीन मंदिरों में से एक है. नवरात्रि के समय भक्तों की भीड़ सैकड़ों की तादाद में देखने को मिलती है. ऐसी मान्यता है कि सिद्ध पीठ मां महामाया, सभी भक्तों की मनोकामना पूरी करती है. सिद्ध पीठ महामाया मंदिर में नवरात्र के 9 दिनों तक माता के भजन का आयोजन किया जा रहा है. ये भजन देर रात तक चलता रहेगा.

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हर भक्त की पूरी होती है मुराद:नवरात्र के पहले दिन सिद्ध पीठ मां महामाया मंदिर में माता के दर्शन करने पहुंचे भक्तों से ईटीवी भारत की टीम ने बात की. एक भक्त ने बताया कि "सिद्ध पीठ मां महामाया का यह मंदिर बहुत पुराना और ऐतिहासिक मंदिर है. इस मंदिर में सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती है."

कुंवारी कन्या से कराया गया ज्योति कलश प्रज्जवलित:सिद्ध पीठ मां महामाया मंदिर के पुजारी पंडित मनोज शुक्ला ने बताया कि, "कोरोना महामारी के बाद आज नवरात्रि पर्व को अच्छे से मनाने का अवसर प्राप्त हुआ है. भक्त पूरे श्रद्धा-भक्ति के साथ सुबह 4:00 बजे ब्रह्म मुहूर्त में ही माता के दर्शन करने मंदिर पहुंचे. आज चैत्र नवरात्र की प्रतिपदा तिथि है, नवरात्र का पहला दिन है, जिसमें माता के शैलपुत्री रूप की पूजा की जा रही है. आने वाले 9 दिनों तक देवी के नौ रूपों की पूजा होगी. इस मौके पर विशेष शृंगार किया जाएगा."

पुजारी पंडित मनोज शुक्ला ने बताया कि" सिद्ध पीठ मां महामाया के मंदिर में सुबह 11:30 से दोपहर 12:30 के बीच अभिजीत मुहूर्त में ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किया गया. यह ज्योति कलश 10 साल से नीचे की कुंवारी कन्या से प्रज्जवलित कराया जाता है. जिसके बाद भक्तों की मनोकामना जोत प्रज्जवलित की गई. इस बार नवरात्र में सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, अमृत सिद्धि योग भी पड़ रहा है. इस नजरिए से यह नवरात्र सभी के लिए लाभप्रद है. लोगों को परिवार सहित माता के दर्शन के लिए यहां पहुंचना चाहिए."

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