आपातकाल में जेल गए सेनानियों को मीसाबंदी कहा जाता है. बीजेपी के शासनकाल में इन्हें सम्मान निधि दी जाती थी. इस निधि को वापस शुरू करने के लिए लोकतंत्र सेनानी संघ द्वारा आंदोलन शुरू किया गया. 26 मार्च को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर निधि को वापस दिलाने की मांग की जाएगी.
लोकतंत्र सेनानी संघ ने किया आंदोलन, मीसाबंदियों की पेंशन शुरू करने की मांग
रायपुर: मीसाबंदियों की सम्मान निधि प्रदेश सरकार द्वारा बंद किए जाने के फैसले पर राजनीति शुरू हो गई है. इस निधि को वापस शुरू करने के लिए लोकतंत्र सेनानी संघ द्वारा बुधवार को आंदोलन शुरू किया गया है.
संघ ने क्या कहा
संघ का कहना है कि इसके बाद भी अगर सरकार ने इस निधि को शुरू नहीं किा, तो आगे की रणनीति बनाई जाएगी. मीसाबंदी लोकतंत्र सेनानी संघ के बैनर तले कलेक्ट्रेट पहुंचे और ज्ञापन सौंपा.
संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने ने कहा कि प्रदेश से 320 मीसा बंदी शामिल हैं, जिन्हें मिलने वाली सम्मान निधि को कांग्रेस ने बंद कर दिया है. यह निधि पूर्व की बीजेपी सरकार द्वारा शुरू की गई थी. लेकिन कांग्रेस की सरकार बनते ही इस निधि को 28 जनवरी को बंद कर दिया गया.