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भूपेश बघेल के पराली से खाद बनाने के फार्मूले पर काम करेगी केजरीवाल सरकार

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दिए सुझाव पर दिल्ली की केजरीवाल सरकार अमल करने जा रही है. पराली (पैरा) को नष्ट करने को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राष्ट्रीय स्तर पर सुझाव रखा था. जिसपर अब केजरीवाल सरकार अमल करने जा रही है.

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Published : Oct 3, 2020, 9:56 PM IST

Updated : Oct 4, 2020, 12:01 AM IST

formula to make fertilizer from parali
सीएम भूपेश बघेल और सीएम अरविंद केजरीवाल

रायपुर:छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जो पराली (पैरा) जलाने का फार्मूला साल 2019 में देश के सामने रखा था, अब उसी फार्मूले पर दिल्ली की केजरीवाल सरकार काम करने जा रही है. देश के साथ दिल्ली के किसानों के लिए पराली या पैरा एक बड़ी समस्या बन चुकी है. अबतक किसान इस पैरा को जलाते आ रहे थे. जिसकी वजह से दिल्ली में प्रदूषण बढ़ रहा था. इस समस्या से निजात दिलाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने देश के सामने एक सुझाव रखा था.

भूपेश बघेल के फार्मूले पर काम करेगी केजरीवाल सरकार

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 5 नवंबर 2019 को दिल्ली में पराली जलाने से हर साल होने वाली भीषण प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए 'कृषि को मनरेगा से जोड़ने' और 'पराली को जैविक खाद में बदलने' का सुझाव दिया था. बघेल ने समस्या का उपाय सुझाते हुए कहा था कि सितंबर अक्टूबर महीने में हर साल पंजाब और हरियाणा राज्य को मिला दें तो करीब 35 मिलियन टन पराली या पैरा जलाया जाता है. इसके दो कारण है. पहला किसान की ओर से धान की फसल के तुरंत बाद गेहूं की फसल लेना. दूसरा पैरा को नष्ट करने का जलाने से सस्ता कोई साधन का मौजूद नहीं होना.

दिल्ली में किया जाएगा मुफ्त छिड़काव

सीएम भूपेश बघेल के इस सुझाव पर दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है. दिल्ली सरकार ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (पूसा) की ओर से तैयार किए गए कैप्सूल के जरिए पैराली से खाद बनाने पर जोर दिया है. केजरीवाल सरकार दिल्ली के किसानों को यह सुविधा मुफ्त में उपलब्ध कराएगी. जिससे किसान खेतों में ही पराली की खाद बना सकेंगे.

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5 अक्टूबर से होगी शुरुआत

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 5 अक्टूबर से इसकी शुरुआत की जाएगी. सरकार किसानों की सहमति के बाद खेतों में मुफ्त में इस कैप्सूल के घोल का छिड़काव करेगी. जिसपर केवल 20 लाख रुपये का खर्चा आएगा. इतना ही नहीं सीएम केजरीवाल ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को पत्र लिखकर अन्य राज्यों में भी इस तकनीक को लागू करने की अपील की है.

मोहन मरकाम ने की तारीफ

दिल्ली सरकार की ओर से भूपेश बघेल के फार्मूले को अपनाए जाने पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम का कहना है कि छत्तीसगढ़ की सरकार लगातार प्रदेश के विकास के लिए काम कर रही है. मुख्यमंत्री सभी की समस्याओं को सुनते हैं. किसानों के हित को लेकर भी सरकार ने कई बड़े कदम उठाए हैं.

दूसरे राज्यों के लिए रोल मॉडल बना छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ कई मामलों में देश सहित अन्य राज्यों के लिए रोल मॉडल रहा है. यहां की विभिन्न योजनाएं और फार्मूले को लागू होने के बाद देश सहित अन्य राज्यों ने अपनाया है. फिर चाहे पीडीएस के तहत गरीबों को एक रुपए किलो चावल देने की योजना हो, या फिर अन्य योजना.

Last Updated : Oct 4, 2020, 12:01 AM IST

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