रायपुर:कोरोना महामारी की सबसे बड़ी भयावता ये है कि इसका शिकार होते ही इंसान अपनों से दूर हो जाता है. इस खतरनाक महामारी से लड़ते-लड़ते इंसान की मौत हो जाए तो अंतिम विदाई देने भी एक या दो से ज्यादा लोग शामिल नहीं हो सकते. पिछले साल कई ऐसी तस्वीरें सामने आईं, जब लोग अपने करीबी का अंतिम संस्कार तक नहीं कर पाए. मजबूरन बहुत दूर से ही शव वाहन को देखकर संतोष कर लिया गया. लेकिन अब नियमों को ताक पर रखा जा रहा है.
अंतिम संस्कार में बरती जा रही लापरवाही
एक समय था, जब हर चीज में मौत का वायरस दिखाई देता था. मजबूरी के इन हालात में अपनों ने भी साथ छोड़ दिया था. लोग परिजनों के अंतिम संस्कार तक में शामिल नहीं हो पा रहे थे. लेकिन छत्तीसगढ़ में तो अब कोविड-19 से मरने वाले लोगों के अंतिम संस्कार में भी खासी भीड़ जुटने लगी है. यहां तक लोग बिना PPE किट पहने भी शव को छूने और चिता के पास जाने से बाज नहीं आ रहे हैं. इस बड़ी लापरवाही से कभी भी कोरोना विस्फोट होने की आशंका बन गई है.
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नगर निगम की देखरेख में हो रहा अंतिम संस्कार
रायपुर में फिलहाल नगर निगम की देखरेख में अंतिम संस्कार कराया जा रहा है. जबकि पहले तहसीलदार स्तर के अधिकारी की मौजूदगी में इसे कराया जाता था. हाल के दिनों में जिस तरह की लापरवाही सामने आई है. इसको लेकर नगर निगम के कामकाज पर अब विपक्ष के नेता भी सवाल खड़े करने लगे हैं. इस माममे में बीजेपी पार्षद मृत्युंजय दुबे ने नगर निगम पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है.