रायपुर: एक नवंबर से छत्तीसगढ़ में धान खरीदी होगी (paddy procurement in Chhattisgarh). सीएम भूपेश बघेल ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर इसकी जानकारी दी है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि राज्य में एक नवम्बर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू की जा रही है. धान उपार्जन के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. धान खरीदी के दौरान किसान साथियों को किसी तरह की दिक्कत न हो, इसके लिए सभी धान खरीदी केन्द्रों में आवश्यक इंतजाम करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं (date of paddy procurement in Chhattisgarh).
किसानों को पंजीयन रहेगा जारी: राज्य में फिलहाल धान उपार्जन के लिए नए किसानों के पंजीयन की प्रक्रिया जारी है. जो 31 अक्टूबर 2022 तक चलेगी. सरकार की किसान हितैषी नीतियों के चलते राज्य में साल दर साल किसानों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए यह अनुमान है कि इस साल पंजीकृत किसानों की संख्या 25 लाख के पार पहुंच जाएगी. बीते वर्ष 24.05 लाख किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया था. जबकि वर्ष 2020-21 में पंजीकृत किसानों की संख्या 21.52 लाख थी. विपणन वर्ष 2021-22 में किसानों की संख्या विपणन वर्ष 2020-21 की तुलना में ढाई लाख से ज्यादा बढ़ गई थी (CM Baghel announce purchase of paddy in Chhattisgarh).
2022 में 110 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य: इससे पहले 6 जुलाई 2022 को मंत्री मंडलीय उप समिति की बैठक हुई थी. इस बैठक में इस साल समर्थन मूल्य पर 110 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया. सरकार ने यह भी फैसला लिया है कि पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी पुराने बारदानों से धान खरीदी की जाएगी. साथ ही किसानों से सुगमतापूर्वक धान खरीदी के लिए उपार्जन केन्द्रों की स्थिति तथा पहले से ही बारदाने की व्यवस्था करने पर विचार-विमर्श जारी है.
साल 2021 में 97.98 लाख टन धान खरीदा गया: खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में राज्य सरकार द्वारा 105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा था. जिसके विरूद्ध रिकॉर्ड 97.98 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई थी. लगभग शत-प्रतिशत धान का उठाव भी साल 2021-22 में हुआ. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर धान खरीदी के साथ-साथ तेजी से कस्टम मिलिंग का कार्य भी जारी रहा. इसका सफलतापूर्वक परिणाम आया. पिछले वर्ष धान खरीदी लक्ष्य 105 लाख मीट्रिक टन के अनुरूप 5.25 लाख गठान बारदानें की जरूरत थी. खरीफ वर्ष 2022-23 में 110 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है.इसके लिए 5.50 लाख गठान जूट बारदानें की जरूरत है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने भी एक नवंबर से धान खरीदी की मागं की थी. अब सीएम के ऐलान के बाद बीजेपी की धान खरीदी से जुड़ी मांग पूरी हो गई है.
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धान खरीदी से किसानों को लगातार हो रहा फायदा: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की किसान हितैषी नीतियों के चलते बीते तीन सालों में पंजीकृत धान के रकबे और किसानों की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है. धान बेचने के लिए पंजीयन कराने वाले किसानों की संख्या वर्ष 2018-19 में 16.96 लाख थी. जो कि वर्ष 2021-22 में बढ़कर 24.05 लाख हो गई है. विपणन वर्ष 2022-23 में पंजीकृत किसानों की संख्या 25 लाख के पार पहुंचने का अनुमान है. पंजीकृत किसानों की वास्तविक संख्या का सही आंकड़ा 31 अक्टूबर 2022 को पंजीयन समाप्त होने के बाद ही पता चल पाएगा. इसी तरह धान का पंजीकृत रकबा भी बीते तीन सालों में 25.60 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 30.26 लाख हेक्टेयर हो गया है. इस साल पंजीकृत रकबे में और वृद्धि अनुमानित है. राज्य में इस साल धान के फसल की बेहतर स्थिति को देखते हुए बीते वर्ष की तुलना में ज्यादा खरीदी का अनुमान है. वर्ष 2018-19 में 80.38 लाख मीट्रिक टन, वर्ष 2019-20 में 83.94 लाख मीट्रिक टन, वर्ष 2020-21 में 92.02 लाख मीटरिक टन तथा वर्ष 2021-22 में 98 लाख मीटरिक टन धान की रिकॉर्ड खरीदी हुई है.